Bahraich Bulldozer Action Latest Update: बहराइच में हिंसा के बाद बुलडोजर एक्शन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को अहम सुनवाई हुई. पीड़ित पक्ष के वकील के मुताबिक, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक तौर पर कहा कि जब आप किसी संरचना को ध्वस्त करने का प्रस्ताव रखते हैं, तो इसे चुनिंदा तरीके से नहीं किया जा सकता है. राज्य को कानून का पालन करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि हर कदम पर कानून का पालन किया जाए. इससे पहले बहराइच हिंसा मामले में कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की तरफ से अपना जवाब दाखिल किया गया. साथ ही दूसरे पक्ष को अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया गया है. 11 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी.


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मालूम हो कि बहराइच हिंसा के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग और स्थानीय प्रशासन की ओर से 21 से ज्यादा परिवारों को नोटिस दिया गया था. उनसे तीन दिनों के भीतर घर और दुकान खाली करने को कहा गया था. जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया था, उनमें से रामगोपाल मिश्रा को गोली मारने के आरोपी अब्दुल हमीद का परिवार भी शामिल था. आरोप लगाया कि सरकार फिर आरोपियों के घर बुलडोजर चलाकर बदले की कार्रवाई कर रही है. हालांकि प्रशासन ने इसे अतिक्रमण हटाने की सामान्य प्रक्रिया बताया था. प्रशासन के अल्टीमेटम और बुलडोजर चलने की आशंका के बीच ज्यादातर लोगों ने अपना सामान हटा लिया था. 


ये मसला पहले भी सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था. सुप्रीम कोर्ट ने जहां ऐसे मामलों में हिंसा के आरोपियों के घर या प्रतिष्ठानों में बुलडोजर चलाने पर रोक लगा दी थी. लेकिन अतिक्रमण या सड़क चौड़ीकरण के लिए ऐसा करने की छूट दी थी. जब बहराइच केस का उल्लेख किया गया तो कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर यूपी सरकार जोखिम लेना चाहती है तो यह उसके ऊपर निर्भर है.