Lucknow Hyder Canal Drain : लखनऊ में अकबरनगर के बाद अब एक और इलाके में बुलडोजर चलाने की तैयारी है. दरअसल, लखनऊ का हैदर कैनाल पूरी तरह से नाले में तब्‍दील हो गया है. वजह हैदर कैनाल पर पूरी तरह से अवैध अतिक्रमण. हैदर कैनाल पर अवैध अतिक्रमण पर अब लखनऊ नगर निगम की नजर पड़ गई है. शहर में हो रहे जलभराव को देखते हुए नगर निगम यहां अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाने जा रहा है.  


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बारिश में शहर में जलभराव जैसी स्थिति  
बता दें कि हैदर कैनाल को तत्‍कालीन नवाब हैदर ने बनवाया था. इसे बवाने का मकसद था कि शहर के एक कोने से दूसरे कोने तक स्‍वच्‍छ पानी पीने लायक पहुंचाया जा सके. साथ ही यहां मछल‍ियां पालन हो सके. इसके अलावा शहर भी ठंडा रहेगा, लेकिन अब हैदर कैनाल नाले में तब्‍दील हो चुका है. यही वजह है कि लखनऊ में हल्‍की बारिश होने पर जलभराव जैसी स्थिति उत्‍पन्‍न हो जाती है. लोगों को जलभराव के बीच से आना-जाना पड़ता है. 


लखनऊ नगर निगम ने अपनी रिपोर्ट में किया खुलासा 
लखनऊ नगर निगम ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि शहर में जलभराव का मुख्‍य कारण हैदर कैनाल नाले पर बना लगभग दो हजार अवैध निर्माण है. लखनऊ नगर निगम के मुताबिक, हैदर कैनाल नाला लखनऊ के राजाजीपुरम से शुरू होकर पूरा शहर क्रॉस करते हुए गोमती नगर में जाकर गोमती नगर में मिल जाता था. इसकी लंबाई करीब 14 किलोमीटर है. 


करीब 7 किलोमीटर नाले पर खड़ा कर दिया गया अवैध निर्माण 
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि यहां लगभग 6.5 किलोमीटर नाले के किनारे छोटे बड़े अवैध निर्माण कर लिए गए हैं. इसकी वजह से नाला सकरा हो गया है और जल भराव का मुख्य कारण बन रहा है. बारिश में जल भराव होने की वजह से इन्हीं मकानों को ढहने का भी खतरा रहता है. सिर्फ हैदर कैनाल ही नहीं लखनऊ का किला मोहम्मदी नाला भी शहर में जल भराव का मुख्य कारण बन गया है. इस पर लगभग 250 अवैध निर्माण हैं.  


स्‍थानीय नागरिक बोले-घरों में घुस रहा पानी 
नाले के आसपास बसे स्थानीय लोगों का कहना है कि वह लंबे अरसे से यहां रह रहे हैं. हर साल मॉनसून के समय उनके घुटनों तक पानी भर जाता है. नाले में कभी सफाई नहीं होती उनके घरों के अंदर तक पानी पहुंच जाता है. इससे बीमारियां भी फैलती हैं.  
 
सिंचाई के लिए लखनऊ के नवाब ने करवाया था निर्माण 
गौरतलब है कि अवध के नवाब वजीर गाजीउद्दीन हैदर अली ने 1814 और 1827 के बीच निर्मित हैदर अली नहर का उद्देश्य सिंचाई था. हालांकि, वैज्ञानिक प्रभाव की कमी के कारण जलधारा परियोजना रुक गई. नहर अब एक नाले में बदल चुकी है, जो शहर के कचरे को ले जाकर गोमती नदी में डाल देती है. सवाल यह है कि हैदर अली नहर इतने वर्षों में गोमती नदी की एक महत्वपूर्ण सहायक नदी से नाले में कैसे बदल गई?


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