Assistant Professor: यूजीसी की प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस योजना देश को कॉलेज व विश्वविद्यालयों की पढ़ाई को स्किलफुल बनाने के लिए काफी चर्चित होती जा रही है. यूजीसी अध्यक्ष प्रोफेसर जगदीश कुमार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस योजना के लिए लॉन्च किए गए पोर्टल पर 11196 एक्सपर्ट्स ने 332 हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के लिए अपना एप्लिकेशन डाला है. यूजीसी के चेयरमैन एम जगदीश कुमार का इस संबंध में कहना है कि प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस की भर्ती के माध्यम से आयोग इंडस्ट्री और एक्सपर्ट्स को शैक्षणिक संस्थानों में लाना चाहता है और इसके लिए प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस पोर्टल पर 60 से ज्यादा भर्ती नोटिफिकेशन जारी किए जा चुके हैं.


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इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स प्रोफेसर
रिपोर्ट्स कहती है कि इस भर्ती के लिए कई कंपनियों के सीईओ इसके साथ ही एमडी भी अपना आवेदन डाल रहे हैं. 32 उच्च शिक्षा संस्थानों में फिलहाल 152 प्रोफेसरों की नियुक्ति इस योजना के तहत की जा चुकी है. गौर करने वाली बात है कि हायर एजुकेशन को स्किल बेस्ट एजुकेशन से संलग्न करने पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में काफी जोर दिया गया. यूजीसी पीओपी के माध्यम से हायर एजुकेशन में अलग अलग क्षेत्र के एक्सपर्ट जैसे कि प्रैक्टिशनर, पॉलिसी मेकर्स, स्किल प्रोफेशनल्स को प्रवेश दिलाकर इसके लेवल में सुधार लाना चाहता है. अलग अलग क्षेत्रों के प्रोफेशनल्स के साथ ही इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स प्रोफेसर के रूप में शिक्षा प्रदान करेंगे.


नियम जान लें
अपने विशिष्ट पेशे में जिनको करीब 15 साल की सेवा या एक्सपीरियंस व विशेषज्ञता हासिल है वो 'प्रोफेसर्स आफ प्रैक्टिस' योजना के लिए पात्र माने जाएंगे. ये लोग शिक्षक न हों. इसके लिए यूजीसी नेट या पीएचडी डिग्री की इसके लिए जरूरत नहीं होगी. नियुक्ति का आधार केवल प्रोफेशनल एक्सपीरियंस होगा. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी के दिशा-निर्देशों पर ध्यान दें तो इस श्रेणी के अंतर्गत नियुक्ति के जो लोग पात्र होंगे वो हैं- 
इंजीनियरिंग, विज्ञान
मीडिया, साहित्य
उद्यमिता, सामाजिक विज्ञान
ललित कला, सिविल सेवा
और सशस्त्र बलों जैसे क्षेत्र के एक्सपर्ट 


कुल सेवा अवधि चार साल से अधिक न हो
पीओपी कॉन्ट्रेक्ट शुरुआत में एक साल तक के लिए हो सकता है. पीओपी की सेवा की अधिकतम अवधि किसी संस्थान में तीन साल से ज्यादा न हो व असाधारण मामलों में इसे एक साल के लिए बढ़ाया भी जा सकता है. कुल सेवा अवधि चार साल से अधिक किसी भी स्थिति में न हो.


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