लखनऊ:  उत्तर प्रदेश में योगी सरकार होने वाले महाकुंभ 2025 के अयोजन को यादगार बनाने में जुटी है. ऐसे में महाकुंभ मेला क्षेत्र में स्थित बड़े हनुमान मंदिर के कायाकल्प का भी प्रस्ताव है. बड़े हनुमान मंदिर को लेटे हनुमान का मंदिर भी कहा जाता है. हर वर्ष देश और विदेश से लाखों लोग हनुमान जी की विस्मित कर देने वाली छटा के दर्शन करने आते हैं. ऐसे में योगी सरकार ने महाकुंभ से पहले ही करीब 40 करोड़ की लागत से बड़े हनुमान मंदिर परिसर के कायाकल्प की योजना बनाई है. इसमें आसपास की जमीन को लीज पर लेकर मंदिर का विस्तार किया जाएगा. बताया जा रहा है, कि पर्यटक सुविधाओं में भी इजाफा किया जाएगा.


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मंदिर के एक्जिक्यूशन प्लान
योगी सरकार प्रदेश में महाकुंभ के रूप में दुनिया के सबसे बड़े मेले के अयोजन की मेजबानी करने जा रही है. सरकार की मंशा है की यह आयोजन इतना दिव्य और भव्य हो कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह यादगार बन जाए. महाकुंभ की तैयारियों के साथ ही आसपास के धार्मिक स्थलों और पर्यटक स्थलों का भी विकास किया जा रहा है. लेटे हनुमान मंदिर के एक्जिक्यूशन प्लान को प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीडीए) के तहत इंप्लीमेंट किया जाएगा. 


गर्भगृह का निर्माण
मंदिर के ले आउट प्लान के अनुसार, मंदिर का प्रवेश द्वार मल्टीपल एग्जिट वाला होगा. आसान आवागमन और बेहतर भीड़ प्रबंधन के साथ भगदड़ से बचने के लिए गर्भ गृह के आसपास 30 मीटर की खुली जगह रखी जाएगी. साथ ही सुरक्षा व्यवस्था की भी पुख्ता व्यवस्था होगी. लाइन में लगकर दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 9 मीटर का क्यू शेड भी लगाया जाएगा. एक समय में अधिक से अधिक लोगों को दर्शन कराने के लिए ओपन एयर थिएटर अवधारणा के साथ गर्भगृह का निर्माण किया आएगा. 


कहां होगा एग्जिट डोर 
परिसर में पुजारी स्थल, प्रसाद स्थल, यात्री शेड और भंडारा गृह भी होगा. सबसे पीछे की ओर एग्जिट डोर होगा. वीआईपी एंट्री और एग्जिट के साथ ही परिसर में बड़ी पार्किंग की भी व्यवस्था की जाएगी. मंदिर परिसर में आने वाले लोगों की सुविधा का भी ध्यान रखा जाएगा.


प्रोजेक्ट की समय सीमा 10 माह
मंदिर परिसर में टॉयलेट, ड्रिंकिंग वाटर फैसिलिटी, शू रैक्स, साइनेज, बेंचेस जैसी आम जरूरत की चीजें भी होंगी. आरती स्थल और गेदरिंग हाल के साथ ही पूरा परिसर सोलर लाइट्स से जगमगाएगा. मंदिर परिसर के कायाकल्प और सौंदर्यीकरण के लिए तय एस्टीमेट के अनुसार 40 करोड़ से 48 करोड़ रुपए तक के खर्च का अनुमान है. इस प्रोजेक्ट की समय सीमा 10 माह है.