UP News: पूर्व विधायक व बाहुबली हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी पर ईडी ने शिकंजा कसा है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने विनय शंकर तिवारी की 72 करोड़ से ज्‍यादा की संपत्ति को जब्‍त किया है. ये संपत्तियां लखनऊ, महाराजगंज, गोरखपुर में हैं.  


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लखनऊ समेत 27 संपत्तियां अटैच 
बाहुबली हरिशंकर तिवारी का इसी साल निधन हो गया था. उनके बेटे पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी गंगोत्री इंटरप्राइजेज नाम की कंपनी चलाते हैं. ईडी ने सात बैंकों से 1129 करोड़ रुपये के फ्राड मामले में शिकंजा कसा है. ईडी ने विनय शंकर तिवारी की 27 संपत्तियां अटैच की है. इनमें कृषि व व्‍यवसायिक भूमि के अलावा आवासीय भवन भी शामिल है. 


यह है पूरा मामला 
आरोप है कि साल 2012 से 2016 के बीच सात बैंकों से गंगोत्री इंटरप्राइजेज के नाम 1129 करोड़ रुपये की क्रेडिट लिमिट ली थी. आरोप है कि बड़ी रकम को दूसरी कंपनियों में डायवर्ट किया गया था. इससे बैंकों को 754 करोड़ रुपये का घाटा हो गया था. लखनऊ के विभूतिखंड स्थित बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारी ने मामले में शिकायत की थी. सीबीआई केस को आधार बनाकर 2021 में ईडी ने विनय शंकर तिवारी व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. 


हरिशंकर तिवारी का राजनीतिक सफर 
हरिशंकर तिवारी की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चिल्लूपार सीट से वह 22 साल तक लगातार विधायक रहे. हरिशंक तिवारी के रिश्‍ते हर दल के नेताओं से थे. सत्ता चाहे जिसकी रही हो, हरिशंकर तिवारी हमेशा मंत्री बनते रहे. बीजेपी का दौर हो या फिर समाजवादी पार्टी या बहुजन समाज पार्टी, हर बार मंत्रालय लेने में हरिशंकर कामयाब हो ही जाते. 2007 तक हरिशंकर तिवारी का राजनीतिक जीवन ऊंचाइयों को छूता रहा लेकिन उसके बाद पहली बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 


 


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