Budget Expectation 2024-25: केंद्रीय कर्मचारियों के संगठन ने मोदी सरकार के कैबिनेट सचिव को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें वेतन आयोग की मांग भी शामिल है. केंद्रीय कर्मियों की मांग है कि 8वें वेतन आयोग को लागू किया जाए, जिसमें पहले ही काफी देरी हो चुकी है. कर्मचारी संघ ने पत्र में लिखा है कि 8वां वेतन आयोग लागू करने में पहले ही काफी देरी हो चुकी है. इसे बजट के साथ तुरंत ही अमलीजामा पहनाया जाना चाहिए. मोदी सरकार हरियाणा, महाराष्ट्र जैसे राज्यों के आने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए भी पे कमीशन के गठन का ऐलान कर सकती है. वेतन आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन के अलावा मूल वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य लाभों की समीक्षा की जाती है. 


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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रीय परिषद कर्मचारी के सलाहकार की ओर से यह पत्र लिखा गया है. सामान्यतया हर 10 साल में केंद्रीय वेतन आयोग का गठन किया जाता है. यह खाद्य महंगाई, शहरी खर्च, आवासीय सुविधाओं और अन्य को देखकर समीक्षा करता है औऱ नए स्लैब की सिफारिश करता है. इसमें वेतन पुनर्गठन, आवासीय भत्ते और अन्य लाभों को शामिल किया जाता है. 


यूपीए सरकार में प्राइम मिनिस्टर मनमोहन सिंह की सरकार में 28 फऱवरी 2014 को सातवां वेतन आयोग का प्रस्ताव लाया गया था. इसकी सिफारिशों को एक जनवरी 2016 से लागू किया गया था. तब से दस साल हो चुके हैं. ऐसे में 2016 से दस साल बाद यानी जनवरी 2026 तक आठवां केंद्रीय वेतन आयोग लागू करने की अवधि है, लेकिन इसके लिए कवायद पहले ही शुरू करनी पड़ती है. पूरी समिति बनाई जाती है.