Lucknow News: मेडिकल छात्रों को योगी सरकार ने बड़ी राहत दी है. सरकार ने मेडिकल कॉलेज में सीट छोड़ने पर लगने वाले 5 लाख रुपये के जुर्माने को खत्म कर दिया है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को विधान परिषद में इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थानों में सीट छोड़ने पर जुर्माने के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है. पहले सीट छोड़ने पर 5 लाख रुपये जुर्माना देना होता था. 


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सपा विधायक के सवाल का दिया जवाब
प्रश्नकाल में सपा विधायक मान सिंह यादव ने सवाल का जवाब देते हुए इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा निजी कारणों से डॉक्टर छात्र पीजी की पढ़ाई बीच में छोड़ देता है तो उससे जुर्माना नहीं लिया जाएगा. सरकार ने इसे खत्म करने का फैसला लिया है. सपा विधायक ने आरोप लगाया कि संजय गांधी पीजीआई में कई डॉक्टरों को एससी और ओबीसी जाति के चलते परेशान किया जा रहा है. इसके जवाब में डिप्टी सीएम ने कहा  किसी मेडिकल संस्थान में डॉक्टर का उत्पीड़न हो रहा है तो इसकी भी जांच कराई जाएगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी. 


पहले क्या थे प्रावधान
बता दें कि पहले नियम यह था कि अगर एमबीबीएस-बीडीएस, सुपर स्पेशियलिटी कोर्स डीएम या एमसीएच की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राएं अगर सत्र के बीच में सीट छोड़ते थे तो उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगता था, जबकि एमडी और एमएस की सीट छोड़ने पर 5 लाख रुपये का हर्जाना भरना होता था. नेशनल मेडिकल काउंसिल ने उत्तर प्रदेश सरकार को अर्थदंड हटाने की सलाह दी थी, जिस पर अमल करते हुए सरकार ने इसे खत्म करने का फैसला किया है. 


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