लखनऊ: उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की ओर से हलाल सर्टिफिकेट देने के केस में कार्रवाई की गई. इस मामले में STF जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष व हलाल फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद हुसैन मदनी (Maulana Mahmood Asad Madani) से पूछताछ कार्रवाई की गई. उन्होंने इस पर समय की मांग की ताकि वो अपना जवाब दाखिल कर सकें. 13 फरवरी को प्रॉपर सैंपलिंग या टेस्टिंग के बगैर ही बिना कंपनियों को जाली हलाल सर्टिफिकेट जारी करने के आरोप में लखनऊ पुलिस ने हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया के चार अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया था. 


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याचिका को लेकर भी नोटिस
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ की ओर से पिछले महीने की 25 तारीख को ही हलाल-सर्टिफिकेट प्रोडक्ट पर बैन के संबंध में दर्ज क्रिमिनल केस को लेकर महमूद मदनी व बाकियों के खिलाफ किसी भी तरह के एक्शन से सुरक्षा दी थी. पीठ ने यूपी पुलिस को मदनी व अन्य के खिलाफ किसी भी तरह के दंडात्मक कार्रवाई न किए जाने का आदेश दिया. पीठ की ओर से हलाल-सर्टिफेकट प्रोडक्ट्स को बनाने, बिक्री, स्टोरेज व बंटने पर यूपी सरकार के बैन को चुनौती देने वाली याचिका को लेकर भी नोटिस जारी किया गया था.


सुप्रीम कोर्ट सरकार को नोटिस किया था जारी
इससे पहले जनवरी में शीर्ष अदालत ने हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और जमीयत उलेमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट महाराष्ट्र की दो याचिकाओं पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया था, जिसमें उस अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई थी जिसमें यूपी में हलाल-प्रमाणित उत्पादों के निर्माण, बिक्री, भंडारण और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. जमीयत की ओर से पेश वकील ने तर्क दिया था कि संगठन पहले ही जांच में शामिल हो चुका है और मांगे गए सभी दस्तावेजों को विधिवत दिया गया है, इसके बावजूद भी राज्य सरकार ने ट्रस्ट अध्यक्ष को तलब किया है और उन्हें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा. उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्हें क्या चाहिए?


कोर्ट से FIR रद्द करवाने की मांग
पहले दायर हुई दो याचिका में यूपी के खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन की 18 नवंबर की अधिसूचना व उसके बाद उनके खिलाफ दर्ज हुई FIR को रद्द करने के भी निर्देश देने संबंधी मांग की गई. यूपी सरकार ने पिछले साल के 18 नवंबर को यूपी सरकार की ओर से “हलाल-प्रमाणित उत्पादों के निर्माण, बिक्री, भंडारण और वितरण” पर लगाए बैन को याचिकाओं में चुनौती दी गई. हलाल प्रमाणीकरण के नाम पर लखनऊ पुलिस ने जरूरी तौर पर धन उगाही करने के साथ ही धर्म के नाम पर दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में हजरतगंज पुलिस स्टेशन में 17 नवंबर को कुछ संगठनों, उत्पादन कंपनियों और उनके मालिकों के साथ ही प्रबंधकों व अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी.