IAS Abhishek Singh: जौनपुर का ये आईएएस राजनीति में करेगा एंट्री, नौकरी से इस्तीफे का ऐलान
IAS Abhishek Singh: आईएएस अभिषेक सिंह ने भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया है...इस साल फरवरी के महीने से ही वह सस्पेंड चल रहे हैं...उनकी पत्नी दुर्गा शक्ति नागपाल वर्ष 2010 बैच की आईएएस अधिकारी हैं...
लखनऊ: यूपी कैडर के चर्चित आईएएस अधिकारी अभिषेक सिंह (IAS Abhishek Singh) ने भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया है. अभिषेक सिंह यूपी कैडर के वर्ष 2011 के आईएएस अधिकारी फरवरी 2023 से निलंबित चल रहे थे. उनकी पत्नी दुर्गा शक्ति नागपाल (Durga Shakti Nagpal) वर्ष 2010 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. दुर्गा शक्ति नागपाल इस समय बांदा की डीएम हैं. अभिषेक सिंह मूलत यूपी के जौनपुर के रहने वाले हैं. बताया जा रहा है कि निजी कारणों के चलते अभिषेक सिंह ने इस्तीफा दिया है. गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रेक्षक ड्यूटी के दौरान कार के आगे फोटो खिंचवा कर इंटरनेट मीडिया पर डालने के कारण चर्चा में आए थे.
चुनावी मैदान में कर सकते हैं शिरकत
कुछ दिनों पहले अभिषेक ने जौनपुर में गणेशोत्सव का भव्य आयोजन कराया था जिसमें मुंबई से आए कुछ फिल्म कलाकार भी शामिल हुए थे. । इस कार्यक्रम को उनके अगले लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा था. उनके इस्तीफ से साफ हो गया है कि वह चुनाव मैदान में उतर कर राजनीति में भाग्य आजमा सकते हैं. सस्पेंस थ्रिलर 'दिल्ली क्राइम' में काम करके चर्चा में आए अभिषेक सिंह को ऐक्टिंग का काफी शौक है.
नवंबर 2022 में प्रेक्षक ड्यूटी से हटाए गए
गौरतलब हो कि निर्वाचन आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनाव में उनके आचरण को सही नहीं मानते हुए उन्हें नवंबर 2022 में प्रेक्षक ड्यूटी से हटाया था. इसके बाद भी उन्होंने नियुक्ति विभाग में रिपोर्ट नहीं की. इस पर राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया था.
अभिषेक के पिता भी आईपीएस
अभिषेक के पिता कृपा शंकर सिंह रिटायर आईपीएस अधिकारी हैं. 14 अगस्त 2013 को ट्रेनिंग के बाद पहली पोस्टिंग झांसी में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर मिली थी. अक्टूबर 2014 को उन्हें निलंबित किया गया. बहाली होने के बाद जनवरी 2015 में हरदोई का मुख्य विकास अधिकारी बनाया गया. 2015 के मार्च महीने में वह दिल्ली सरकार में प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे. 5 साल बाद दिल्ली से वापसी पर उन्हें गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए प्रेक्षक बनाकर भेजा गया था. उन्होंने कार्यभार भी संभाला, लेकिन वहां कार के आगे फोटो खिंचाने और सोशल मीडिया पर डालने की वजह से चर्चा में आए. निर्वाचन आयोग ने उचित आचरण नहीं किए जाने पर 18 नवंबर 2022 को उन्हें ड्यूटी से हटा दिया.
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