UP News: यूपी में उपभोक्ताओं के पैसे लौटा रहा बिजली विभाग, देख लें कहीं आप मौका चूक न जाएं
Electricity Bill In UP: प्रदेश के करीब 3.30 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं के लिए एक अच्छी खबर है. उनकी जमा सिक्योरिटी पर अब ब्याज देने का प्रावधान कर दिया गया. अगस्त माह के बिल में ही ग्रामीण उपभोक्ताओं को ब्याज राशि दी जा रही है.
लखनऊ: बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक अच्छी खबर है. करोड़ों उपभोक्ताओं की जमा की गई सिक्योरिटी राशि पर अब ब्याज मिलना शुरू हो चुका है. अगस्त माह के बिल में ही ग्रामीण उपभोक्ताओं को ब्याज राशि उपलब्ध कराई जा रही है. शहरी उपभोक्ताओं की बात करें तो सितंबर माह के बिल में इस राशि को दिया जाना है. ऐसे में जरूरी है कि उपभोक्ता बिजली बिल की जांच करें, अगर बिल में ब्याज की राशि नहीं दर्ज की गई है तो इसकी शिकायत कर सकते हैं. जब ब्याज की राशि घटा दी जाए तभी बिजली बिल जमा कराएं. बिल संबंधी सॉफ्टवेयर में जल्दी ही इस बारे में अपडेट किया जाएगा.
अधिशासी अभियंता से करें संपर्क
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष हैं अवधेश कुमार वर्मा जिन्होंने हर एक उपभोक्ता से इस बात के लिए अपील की है कि बिल में ब्याज राशि लग सके इसे तय करने के बाद ही अपना बिल जमा करें और अगर ब्याज राशि नहीं दर्ज हो पाई है तो अपने उपकेंद्र में अधिशासी अभियंता से इसे लेकर संपर्क किया जा सकता है.
ये है नियम
ध्यान देने वाली बात है कि प्रदेश के करीब 3.30 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं के द्वारा जमा कराई गई उसकी सिक्योरिटी मनी पर अब उन्हें ब्याज देने का प्रावधान किया गया है. नियम पर गौर करें तो अप्रैल, मई व जून में ही पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2022-23 में उपभोक्ताओं को उनकी जमा सिक्योरिटी मनी पर ब्याज की राशि दी जानी चाहिए थी जोकि भारतीय रिजर्व बैंक की एक अप्रैल को तय किए ब्याज दर 4.25 प्रतिशत पर दिया जाना था. लेकिन एक को आदेश आने जाने के बाद भी बिलिंग साफ्टवेयर में व्यवस्था सही समय पर नहीं तय हो पाई जिससे उपभोक्ताओं को ब्याज का भुगतान नहीं किया जा सका.
नियामक आयोग में शिकायत
इस तरह ब्याज जितना मिला उतनी रकम बिल में माइनस किया जाता है. लेकिन ब्याज राशि इस बार नहीं दी गई जिसके बाद उपभोक्ता परिषद के द्वारा इस बारे में नियामक आयोग में शिकायत दर्ज कराई गई. जिस पर पावर कॉरपोरेशन ने जानकारी दी कि बिलिंग सॉफ्टवेयर में व्यवस्था नहीं होने से ब्याज राशि नहीं दी गई पर सॉफ्टवेयर बदलने के बाद ब्याज राशि को अगस्त और सितंबर माह के बिल में ही जारी किया जा रहा है.