लखनऊ: आवास विकास की प्रदेश भर की योजनाओं में अब कोई भी व्यक्ति अपने प्लॉट पर मकान की जगह  तीन मंजिला अपार्टमेंट बना सकता है. शर्ते ये है कि उसका मकान 12 मीटर चौड़े मार्ग पर होना चाहिए. प्लॉट के मालिक को तल के नीचे ही पार्किंग के लिए जगह छोड़नी होगी. आवास विकास परिषद के बोर्ड ने बुधवार को ये महत्वपूर्ण फैसला किया.


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आवास विकास के बोर्ड ने दी मंजूरी
बुधवार को अपर मुख्य सचिव एवं आवास विकास के अध्यक्ष नितिन रमेश गोकर्ण की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर आवास विकास के बोर्ड ने मंजूरी दी. अपर आवास आयुक्त एवं सचिव नीरज शुक्ला के अनुसार, 12 मीटर चौड़ी सड़क पर 3 फ्लोर का अपार्टमेंट बनाने के लिए स्वामी को भूखंड की वर्तमान दर से कीमत का 50 फीसदी शुल्क चुकाना पड़ेगा.  


आवास विकास परिषद से कराना होगा मानचित्र पास
मालिक को अपार्टमेंट का निर्माण कराने से पहले आवास विकास परिषद मानचित्र को स्वीकृत कराना होगा.  इस अपार्टमेंट की ऊंचाई 15 मीटर से ज्यादा नहीं होगी. इस अपार्टमेंट का मालिक अलग-अलग फ्लोर को बेच भी सकता है.इस योजना के सिलसिले में जलसंस्थान, नगर निगम, बिजली विभाग आदि की एक कमेटी बनाई गई है. आवास विकास परिषद की आवंटन नियमावली में भी बड़ा बदलाव किया गया है. इसमें नामांतरण को भी शामिल किया गया है. इस नियमावली के तहत आवासीय संपत्तियों के दाखिल खारिज के लिए कम से कम 1 हजार और ज्यादा से ज्यादा 10 हजार और व्यावसायिक संपत्तियों के लिए कीमत का 1 प्रतिशत शुल्क देना होगा. यह कमेटी अपार्टमेंट बनाने का मूल्यांकन करेगी. 


बनाए जा सकेंगे नीचे मॉल, ऊपर मकान
आवास विकास की लखनऊ स्थित इंदिरानगर में मेट्रो और गाजियाबाद के बसुंधरा योजना में रैपिड रूट के दोनों तरफ 500-500 मीटर दायरे में ऊंची-ऊंची बिल्डिंगें बनाई जा सकेंगी.  इस प्रस्ताव की मंजूरी के बाद  इंदिरानगर और गाजियाबाद में बसुंधरा योजना के सेक्टर 7 एवं 8 में रूट के दोनों तरफ नीचे मॉल और ऊपर मकान बन सकेंगे. इनमें भूखंड के 70 फीसदी हिस्से पर व्यावसायिक और 30 फीसदी पर मकान बनाए जा सकेंगे. ऐसी बिल्डिंगों की ऊंचाई एफएआर के आधार पर तय की जाएगी. 


इन महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर मंजूरी
काशी के लालबहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए 374 हेक्टयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. इसके साथ ही, लखनऊ में 844 हेक्टेयर में 10 हजार करोड़ की लागत से टाउनशिप विकसित की जाएगी.  वाराणसी में जीटी रोड बाइपास योजना के बीएचयू के पास रोड को जोड़ने के लिए निबिया गांव के 26 खसरों की जमीन करीब 4.8 हेक्टेयर को अधिग्रहित करने की मंजूरी पास हो गई है. आवास विकास 10 हजार करोड़ रुपये का लोन लेगा. आवास विकास कर्मचारी अब स्टाफ भवनों को 10 साल तक बेच नहीं सकेंगे. 


संपत्ति बेचने का नया फंडा
आवास विकास ने अनसोल्ड संपत्ति को बेचने का नया फंडा निकाला है. राज्य  में अनुमानित कीमत 3500 करोड़ रुपये की लगभग 525 ऐसी संपत्तियां हैं जो पिछले 5 साल से नहीं बिक रही हैं, उन्हें अगली नीलामी में एक ही बोली आने पर भी नीलाम कर दिया जाएगा. ऐसी संपत्ति मेरठ, लखनऊ, आगरा, कानपुर, बरेली आदि में हैं. 


नियमावली में बदलाव
आवास विकास ने विवादों के कारण प्रदेश भर में जिन आवंटियों को अब तक आवंटित भूखंड का कब्जा नहीं दे सका है, उनको जमा की गई रकम के साथ 8 फीसदी ब्याज के साथ रिफंड करेगा.  ऐसे आवंटियों को अब भूखंड के बदले में भूखंड नहीं मिल सकेगा. 


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