Lucknow News : लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के गोमतीनगर योजना में भूखंड की हेराफेरी का मामला सामने आया है. आरोप है कि सपा सरकार के समय में एलडीए के पूर्व वीसी, पूर्व सचिव, पूर्व अपर सचिव, उपसचिव, ओएसडी सहित कई अधिकारियों के बीच भूखंड की बंदर बांट की गई. इस मामले में एलडीए वीसी ने जांच के आदेश दे दिए हैं. अब इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. 


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122 भूखंड अपनों का आवंटित 
दरअसल, गोमती नगर और गोमती नगर विस्‍तार में फर्जी तरीके से सहकारी समिति का सदस्य बन अपने रिश्तेदारों, पत्नियों तथा बच्चों के नाम 300 करोड़ के भूखंड के आवंटन कर दिए गए. इस दौरान कुल 122 भूखंडों का आवंटन किया गया. एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने इस घोटाले की जानकारी सामने आते ही जांच शुरू कराई. 


300 करोड़ की हेराफेरी 
बता दें कि पिछले दिनों ही गोमती नगर विस्तार क्षेत्र में जमीन के गड़बड़झाले का मामला सामने आया था. एलडीए वीसी ने मामले को लेकर सख्त रुख दिखाते हुए शासन में इसकी शिकायत की थी. एलडीए में 2017 से पहले तैनात कई अधिकारियों तथा इंजीनियरों पर आरोप है कि इन्होंने फर्जी तरीके से एक समिति का सदस्य बनाकर परिजनों के नाम बड़े-बड़े भूखंड आवंटित कर दिए. इन्हें 300 से लेकर 500 वर्ग मीटर तक के भूखंड आवंटित किए गए हैं. संपत्ति की कीमत लगभग 300 करोड़ बताई जा रही है. 


यह है पूरा घोटाला 
बताया गया कि साल 2016 में सहकारी समिति की जमीन लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अपनी कॉलोनी को विकसित करने के लिए ली थी. इस सोसाइटी में जिनके प्‍लॉट थे, उनको बदले में लखनऊ विकास प्राधिकरण की कॉलोनी में प्‍लॉट दिए जाने थे. लेकिन घोटाला कर अधिकारियों ने अपने करीबियों को सोसाइटी में शामिल कर फर्जी तरीके से प्‍लॉट आंवटित कर दिए. घोटाले की कई बार शिकायत की गई, लेकिन हर बार इसे दबा दिया जाता था. अब इस पूरे मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं. 


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