मोस्ट वांटेड साइबर ठग प्रमोद मंडल साथियों समेत गिरफ्तार, खाते से ऐसे उड़ाते थे रुपये
हर सदस्य का अलग-अलग काम तय किया गया था. जैसे फर्जी सिम और फर्जी खाते उपलब्ध कराने के लिये मनोज काम करता था. जितेन्द्र पुलिस की गतिविधियों की जानकारी रखता था जबकि राजेश ग्राहकों को कॉल करता.
लखनऊ: साइबर क्राइम सेल और हजरतगंज पुलिस ने बैंक की खामियों का फायदा उठाकर लोगों के खाते से करोड़ों रुपये उड़ाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. देश के चर्चित साइबर ठग प्रमोद मंडल को चार साथियों समेत गोसाईगंज से गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपियों में झारखण्ड, दुमका निवासी विजय मण्डल, इसका भाई मनोज मण्डल, रिश्तेदार राजेश मण्डल, करन मण्डल व जितेन्द्र मण्डल हैं. प्रमोद मंडल झारखंड के दुमका का रहने वाला है.
दिल्ली यूपी समेत कई राज्यों में वांटेड
गिरफ्तार साइबर ठग प्रमोद मंडल, दिल्ली-यूपी समेत कई राज्यों में वांटेड है. एसीपी साइबर क्राइम सेल विवेक रंजन राय के मुताबिक, सचिवालय में तैनात कर्मचारी ने हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था.आरोप था कि जालसाजों ने SBI के बैंक मैनेजर बनकर खाते से 53 लाख रुपये साफ कर दिए थे. वहीं, हरदोई में तैनात एक दरोगा के खाते से भी लाखों रुपये उड़ा लिए थे.
हर सदस्य का काम अलग-अलग तय
हर सदस्य का अलग-अलग काम तय किया गया था. जैसे फर्जी सिम और फर्जी खाते उपलब्ध कराने के लिये मनोज काम करता था. जितेन्द्र पुलिस की गतिविधियों की जानकारी रखता था जबकि राजेश ग्राहकों को कॉल करता. और करन खातों से रुपयों को निकलवाने की जिम्मेदारी संभालता था. मुख्य काम विजय करता था. .
निशाने पर रहते थे ज्यादातर SBI के ग्राहक
बैंकों के एप की खामियों का भी ये लोग फायदा उठाते थे. पुलिस से पूछताछ में ठगी के कुछ ये तरीके सामने आये हैं. गैंग के गुर्गे कॉल कर ग्राहक को झांसा देकर कस्टमर से वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) मांग कर इंटरनेट बैंकिंग का एक्सेस ले लेता है. फिर नेट बैंकिंग के इस गिरोह के निशाने पर खासतौर से एसबीआई के खाताधारक रहते हैं. उस खाते में एसबीआई के सिक्योर एप को रजिस्टर्ड कर लेता है.
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उपभोक्ताओं से बैंक डिटेल हासिल कर जालसाज ग्राहकों के खाते से रकम उड़ाना शुरू कर देते. इसके लिए वह फर्जी खाते और वॉलेट में ट्रांसफर कर लेते हैं. वहीं से निकालकर अपने उपयोग में ले लेते हैं.
विभिन्न राज्यों में अब तक 20 करोड़ रुपये की ठगी
साइबर क्राइम सेल के अधिकारी के मुताबिक इस गिरोह के खिलाफ उत्तर प्रदेश ही नहीं दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, बिहार, तेलंगाना, महाराष्ट और झारखंड समेत अन्य प्रदेशों में सैकड़ों मुकदमे दर्ज हैं. इस ठगी में 11 लोग पहले ही पकड़े जा चुके हैं. साइबर सेल ने दावा किया है कि यह गिरोह विभिन्न राज्यों में अब तक 20 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है.
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