अतीक अहमद/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर आदित्य राणा (Aditya Rana)  फरार केस में एक बड़ी खबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले में साजिश के तहत आदित्य को फरार करवाया गया था. जिसमें चार पुलिस कर्मी शामिल थे जिन्होंने ढाबे पर गाड़ी रोककर गैंगस्टर को फरार होने में मदद की थी. हालांकि गैंगस्टर 12 अप्रैल को एनकाउंटर में मारा गया था. 


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बिजनौर में थी सुनवाई 
आपको बता दे की गैंगस्टर आदित्य राणा को 2019 में लखनऊ जेल में शिफ्ट कराया गया था. इसके बाद 23 अगस्त 2022 को राणा को अभिरक्षा में बिजनौर पेशी के लिए ले जाया गया था. इसी बीच पेशी से लौटते वक्त राणा मौके से फरार हो गए था.


फरार होने में पुलिस ने की मदद  
जांच में मालूम पड़ा है कि बिजनौर में पेशी से लौटते वक्त पुलिस ने शहजानपुर ज़िलें के एक ढाबे पर गाड़ी रोकी थी. यहां सब पुलिस कर्मी के साथ आदित्य राणा भी उनके साथ मौजूद था. इसी बीच राणा ने उठा और आराम से बाथरूम की तरफ गया और वहां से फरार हो गया. इसमें हैरानी की बात ये थी कि जिस वक्त राणा बाथरूम की ओर गया तब उसके साथ कोई भी पुलिस कर्मी साथ नहीं गया था. इस बात ये साफ हो जाता है कि पुलिस की सांठगांठ से इस घटना को अंजाम दिया गया था.


SI सहित तीन बर्खास्त 
2.5 लाख का इनामी आदित्य राणा को फरार करवाने में मदद करने में SI दीपक कुमार सहित कांस्टेबल रिंकू सिंह, कांस्टेबल अमित कुमार व कांस्टेबल मनोज कुमार बर्खास्त होंगे. आपको बता दे कि 12 अप्रैल को पुलिस से मुठभेड़ में मारा गया था. 


41 केस दर्ज थे आदित्य राणा के नाम 
लूट से लेकर हत्या करने तक के संगीन केस में दर्ज था आदित्य राणा का नाम. जनक्री के अनुसार राणा पर 41 थे. खूंखार अपराधी होने की वजह से उसको लखनऊ जेल में शिफ्ट किया गया था. जब वह गिरफ्तार हुआ था तब उस पर एक लाख का इनाम था. फरार होने के बाद ढाई लाख का इनाम कर दिया गया था. कई पुलिस टीमें उसकी तलाश में जुटी थीं और 12 अप्रैल को मुठभेड़ में वह मारा गया. 


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