महिला डॉक्टर के लंग्स ट्रांसप्लांट का खर्चा उठाएगी योगी सरकार, देगी डेढ़ करोड़ रुपये की आर्थिक मदद
31 साल की डॉक्टर शारदा सुमन लंग्स की समस्या के चलते बीते 45 दिनों से सांस लेने वाली इकमो मशीन के सहारे जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही हैं. उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो डॉक्टरों ने परिवार वालों को लंग्स ट्रांसप्लांट की बात कही.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सीएम योगी आदित्यनाथ महिलाओं, बच्चों और गरीबों के प्रति उनकी संवेदनशीलता की झलक उनके फैसलों में देखने को मिल जाती है. ऐसा ही कुछ किस्सा एक बार फिर देखने को मिला है, जहां अस्पताल में भर्ती महिला डॉक्टर के लंग्स ट्रांसप्लांट के दौरान होने वाले एक करोड़ से ज्यादा के खर्चे की पूरी जिम्मेदारी लेने का ऐलान कर दिया.
डॉक्टर के परिवार ने लगाई सीएम से मदद की गुहार
पीड़ित महिला डॉक्टर का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था, जिसके चलते परिवार ने डॉक्टरों की मदद से सूबे के सीएम योगी से मदद की गुहार लगाई थी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोहिया संस्थान की महिला रेजिडेंट डॉ. शारदा सुमन के लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए डेढ़ करोड़ रुपये देने का फैसला किया है.
लोहिया संस्थान की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि 'महिला रेजिडेंट डॉ. शारदा सुमन को फेफड़ा प्रत्यारोपण के लिए चैन्नई या हैदराबाद के अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा. इसके लिए दोनों अस्पतालों और संस्थान के अधिकारियों से बातचीत चल रही है.
डॉक्टर शारदा सुमन लंग्स की समस्या से जूझ रहीं
पूरा मामला लखनऊ के लोहिया अस्पताल का है, जहां पर 31 साल की डॉक्टर शारदा सुमन लंग्स की समस्या के चलते बीते 45 दिनों से सांस लेने वाली इकमो मशीन के सहारे जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही हैं. उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो डॉक्टरों ने परिवार वालों को लंग्स ट्रांसप्लांट की बात कही.
डॉ शारदा डॉ राम मनोहर लोहिया में बतौर जूनियर रेजिडेंट
डॉ शारदा सुमन कोरोना काल में डॉ राम मनोहर लोहिया में बतौर जूनियर रेजिडेंट के ड्यूटी पर थीं. डॉ शारदा सुमन गर्भवती थी. उस बीच कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आने के बाद वह कोरोना पॉजिटिव हो गईं. बीते 14 अप्रैल को कोरोना के लक्षण दिखने के बाद होम आइसोलेशन में थी. फिर अचानक 19 अप्रैल को उनकी तबीयत बिगड़ने से आठ की प्रेग्नेंसी में उनको भर्ती कराया गया.
सीएम योगी ने दिया आर्थिक सहायता देने का आश्वासन
1 मई को ऑपरेशन से डिलीवरी हो गई लेकिन उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ. तब डॉक्टरों ने परिवार को लंग्स ट्र्रांसप्लांट की बात बताई. पीड़ित महिला डॉक्टर के लंग्स ट्रांसप्लांट को लेकर परिवार पूरी तरह मानसिक तनाव से गुजर रहा था.
राम मनोहर लोहिया संस्थान की निदेशक डॉ सोनिया नित्यानंद, सीएमएस डॉ राजन भटनागर और चिकित्सा अधीक्षक डॉ विक्रम सिंह ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर डॉ शारदा का हाल बताते हुए उनकी जान बचाने के लिए फेफड़े के प्रत्यारोपण का विकल्प बताया था. जिसके बाद सीएम योगी ने उनको आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया.
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