लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब स्पेशल इकोनॉमिक जोन की तरह ही स्पेशल शैक्षिक जोन बनाए जाएंगे जिसे लेकर तैयारी की जा रही है. दरअसल विशेष आर्थिक परिक्षेत्र (एसईजेड) के जैसे ही विशेष शैक्षिक परिक्षेत्र तैयार किया जाएगा. यह जोन अलग अलग आधार पर तय किए जाएंगे. इस संबंध में माना ये जा रहा है कि पहले चरण में ये विशेष शिक्षा परिक्षेत्र नोएडा, लखनऊ में आकार ले सकते हैं. 

ये अलग अलग जोन होंगे- 
युवा आबादी
प्रति व्यक्ति आय
इंफ्रास्ट्रक्चर
साक्षरता दर


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शोध और कौशल विकास


अमेरिकन सलाहकार कंपनी डेलायट की अलग अलग सेक्टरों में वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लिए दी गई रिपोर्ट को अलग अलग विभागों के सहयोग से लागू करने को लेकर योगी सरकार के द्वारा मंजूरी दे दी है जिसके अंतर्गत अब निजी विश्वविद्यालयों के साथ ही निजी निवेशकों और शैक्षिक संगठनों से उच्च व तकनीकी शिक्षा को लेकर आगे की योजना पर मीटिंग होनी शुरू हो गई हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर पार्टनर को इस योजना के लिए जिम्मेदारी दी जाएगी जिसके लिए शैक्षिक संस्थाओं की बिना इस्तेमाल वाली जमीनों की भी पहचान की जा रही है. जिनका इस एसइजेड के लिए इस्तेमाल में लाया जा सके. बहुआयामी शिक्षा के साथ ही शोध और कौशल विकास पर यह एजूकेशन क्लस्टर काम करेंगे जिसके लिए एक डीटेल कार्ययोजना तैयार की जा रही है जिसके बाद विशेष शैक्षिक जोन के लिए तय किए गए लोकेशन को आखिरी रूप दे दिया जाएगा. 


शैक्षिक जगत 


डेलायट की ओर से कहा गया है कि शैक्षिक जगत को अगर सीधे सीधे उद्योग से जोड़ दिया जाए तो राज्य के लाखों स्नातकों को नौकरी दिलाई जा सकती है. जिसके लिए विशेष शिक्षा क्षेत्र के साथ ही निजी विश्वविद्यालयों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करना होगा कि वे निवेश करें, उच्च शिक्षा में ज्यादा से ज्यादा छात्रों को प्रवेश मिले जैसे काम जरूरी है.


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