बाराबंकी से बहराइच तक चार लेन का नया हाईवे, लखनऊ से नेपाल बॉर्डर तक के जिलों की बल्ले-बल्ले
Digital Highway: यूपी का पहला डिजिटल हाईवे फोर लेन का होगा. इस हाईवे के किनारों पर ऑप्टिकल फाइबर केबल को बिछाने की योजना बनाई गई है. इस परियोजनों को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की मंजूरी मिल चुकी है।
यूपी में बेहतरीन कनेक्टिविटी
उत्तर प्रदेश में लोगों को बेहतरीन कनेक्टिविटी पर लगातार काम किया जा रहा है. एक्सप्रेसवे के विस्तार के बाद अब हाईवे को स्मार्ट और डिजिटल बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है. प्रदेश के पहले डिजिटल हाईवे की प्लानिंग तैयार कर ली गई है.
उत्तर प्रदेश में पहला डिजिटल हाईवे
उत्तर प्रदेश में पहला डिजिटल हाईवे बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. यह हाईवे बाराबंकी और बहराइच के बीच बनाया जाएगा. नए साल में इन दोनों जगहों के बीच में Digital हाईवे होगा, जिससे आनाजाना आसान होगा. उत्तर प्रदेश में बाराबंकी-बहराइच हाईवे को केंद्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है.
चार लेन का होगा डिजीटल हाईवे
करीब 101 किलोमीटर लंबा डिजिटल हाईवे चार लेन का होगा. इसके किनारे ऑप्टिक फाइबर केबल बिछाई जाएगी. एनएचएआई ने सर्वे शुरू कर दिया है. मार्च 2025 से इस हाईवे के निर्माण की तैयारी है.
अभी दो लेन का है हाईवे
यह हाईवे दो लेन का है. अब चार लेन में तब्दील किया जाएगा. भूमि पैमाइश और सर्वे का काम शुरू हो चुका है. इसका निर्माण-कार्य भी जल्दी शुरू होगा. इसके बनने से लोगों को काफी आसानी होगी,
यहां से होगा सीधा संपर्क
परियोजना के तहत एनएच-927 कॉरिडोर के 101.54 किमी हिस्से को चार लेने में विकसित किया जाएगा. इस डिजिटल हाईवे का संपर्क लखनऊ, श्रावस्ती एयरपोर्ट, नेशनल हाईवे-27 और भारत-नेपाल सीमा से होगा।
10 हजार किलोमीटर लंबा
NHAI की योजना देश में 10 हजार किलोमीटर लंबा डिजिटल हाईवे बनाने की है. इसकी शुरुआत दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे और हैदराबाद-बेंगलुरू कॉरिडोर से हो चुकी है.
डिजिटल हाईवे क्या होता है
डिजिटल हाईवे या सड़कें ऐसे प्लेटफार्म होते हैं जो टेक्नोलॉजी, डाटा और कनेक्टिविटी का इस्तेमाल करके रोड नेटवर्क को अच्छा बनाती हैं. इसमें हाईवे की डिजाइन, निर्माण, ऑपरेशन पर फोकस होता है. इससे सुरक्षित यात्रा, तेज डिलीवरी और बेहतर यात्रा होती है.
रुकेंगे हादसे
डिजिटल हाईवे को इलेक्ट्रॉनिक और आधुनिक सड़क सुरक्षा सिस्टम से लैस किया जाएगा. 24 घंटे नेटवर्क और कदम-कदम पर एनपीआर कैमरे लगे होंगे. पूरा हाईवे रात के समय रोशनी से जगमगाता रहेगा. इससे वाहन चालकों की चूक से होने वाले हादसों से बचा जा सकेगा.
बिछेगा केबल
डिजिटल हाईवे के एक किनारे तीन मीटर चौड़ाई में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जाएगी ताकि बाद में केबल के लिए सड़क न खोदनी पड़े. केबल बिछने के बाद दूरसंचार और इंटरनेट सेवाओं को सीधे तौर पर इलेक्ट्रानिक उपकरण से जोड़ा जा सकेगा.
डिस्क्लेमर
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.