UP School: स्कूल नहीं आने वाले बच्चों का भविष्य अब रिटायर शिक्षक संवारेंगे. बेसिक शिक्षा विभाग ने अपने शारदा कार्यक्रम के तहत आउट ऑफ स्कूल बच्चों को पढ़ाने के लिए रिटायर टीचरों को मानदेय पर रखा जाएगा. जिस क्षेत्र में पांच से ज्यादा आउट ऑफ स्कूल बच्चे मिलेंगे तो उस इलाके के परिषदीय स्कूलों में रिटायर शिक्षकों को अस्थाई रूप से मानदेय पर रखा जाएगा. सितंबर के महीने से अगले नौ महीने तक विशेष शिक्षा देकर उन्हें दक्ष बनाएंगे.


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 विद्यार्थियों को चिह्नित करने का कार्य 
पूरे उत्तर प्रदेश में स्कूल न आने वाले विद्यार्थियों को चिह्नित करने का कार्य किया जा रहा है.  यह टीचर उन्हें बुनियादी ज्ञान देंगे. मानदेय पर रखे जाने वाले  शिक्षकों को बच्चों की आयु और समझ के अनुसार कार्य योजना तैयार करनी होगी. 


जल्द शुरू होगा  रिटायर टीचरों का चयन
प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आउट ऑफ स्कूल बच्चों को शिक्षित करने के लिए लिए रिटायर टीचरों के सिलेक्शन का प्रोसेस जल्दी शुरू कराने के निर्देश भी दिए गए हैं. ब्लॉक स्तर पर समिति बनाकर इसके जरिए इनका चयन किया जाएगा.


इस उम्र के बच्चों का दाखिला
आउट ऑफ स्कूल के तहत छह साल से लेकर 14 साल तक की उम्र के इन बच्चों को अलग-अलग कक्षाओं में एडमिशन दिया जाएगा.  इसके तहत उन बच्चों को शिक्षित किया जाएगा जो या तोe किसी और काम में लग गए हैं या फिर किसी पारिवारिक जिम्मेदारी की वजह से पढ़ाई छोड़ चुके हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे भी हैं, जो काम में परिवार का हाथ बंटाते हैं. बच्चे अपने परिवार में कई जिम्मेदारी उठाते हैं और भाई-बहन की देखभाल करते हैं और स्कूल नहीं जाते हैं.


प्री-प्राइमरी स्कूल के रूप में तब्दील 
फिलहाल, इन बच्चों की सुविधा के लिए परिषदीय स्कूलों के परिसर में ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्री-प्राइमरी स्कूल के रूप में तब्दील किया गया है, ताकि यह बच्चे खुद व इनके छोटे-भाई बहन भी यहां पढ़ सकें.  स्कूल हर दिन आएं (शारदा) कार्यक्रम के तहत इन बच्चों को पढ़ाने के लिए यह व्यवस्था की जा रही है. विभाग ऐसे बच्चों के लिए खास शिक्षण सामग्री भी उपलब्ध कराएगा.


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