समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने अयोध्या गैंगरेप समेत उत्तर प्रदेश की हालिया आपराधिक घटनाओं का जिक्र करते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोला है. उन पर मुस्लिम यादवों के खासतौर पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है.


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गोमती नगर की घटना
अखिलेश ने कहा, गोमती नगर की घटना में आरोपियों की सूची बहुत लंबी थी, पुलिस ने पूरी सूची दी थी. पुलिस की सूची में सारे नाम थे, लेकि मुख्यमंत्री जी ने केवल यादव और मुस्लिम का नाम क्यों दिया. सच्चाई पुलिस भी जानती है कि जिस यादव लड़के का नाम दिया गया वो चाय पीने गया था, पुलिस को यादव मिल गया इसलिए उसे जेल भेज दिया.


अयोध्या गैंगरेप केस और नजूल बिल
अयोध्या गैंगरेप केस में फंसे सपा नेता मोईद खान पर अखिलेश ने कहा, समाजवादी पार्टी अगर कह रही है कि डीएनए टेस्ट होना चाहिए. कैसे मुख्यमंत्री है इन्हें किसने राय दिया ये संशोधित कानून किसने बनाया 2023 का संशोधित कानून इन्होंने ही बनाया  अगर 7 साल से ज्यादा की सजा का प्रावधान है तो डीएनए टेस्ट होना चाहिए.


मुस्लिमों का हक छीनने की कोशिश
बीजेपी मुसलमान का अधिकार हक छीनना चाहती है,  मुख्यमंत्री को पता चला कि नजूल उर्दू शब्द है. अधिकारी समझाते रहे कि नजूल का मतलब कुछ और है, लेकिन हमारे मुख्यमंत्री को लगा कि ये मुसलमान की जमीन है. ऐसे में तो पूरा का पूरा प्रयागराज खाली करा लें और गोरखपुर भी. लेकिन गोरखपुर में कुछ उनका अपना स्वार्थ आ गया.


हरिशंकर तिवारी की मूर्ति का मामला
हरिशंकर तिवारी की मूर्ति के मामले में अखिलेश ने कहा, आसपास के लोग हरिशंकर तिवारी जी को सम्मान देना चाहते हैं. उनकी प्रतिमा लगाना चाहते थे, लेकिन सरकार ने डराने का काम किया. जानबूझकर के बुलडोजर चला  करके पुलिस को अपना कार्यकर्ता बनाकर काम किया. उससे सरकार कभी कामयाब नहीं होगी. जनता तैयार है, आगे और सबक सिखाएगी. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जो वर्दी पहनकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता बन कम कर रहे हैं.


पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, भारतीय जनता पार्टी चुनाव के पहले से साजिश कर रही है, बीजेपी का लक्ष्य पहले से रहा है कि समाजवादियो को कैसे बदनाम किया जाए. खास करके  मुसलमान को लेकर बीजेपी की जो सोच है वो अलोकतांत्रिक है, असंवैधानिक है, जो संविधान पर भरोसा नहीं करता वो योगी नहीं हो सकता.


हाथरस हादसे को लेकर अखिलेश ने कहा, साधु संत के प्रोग्राम के लिए भाजपा के नेताओं ने ही पत्र लिखा था, लेकिन जो प्रशासन को इंतजाम करना चाहिए था कोई इंतजाम नहीं हुआ. परिणाम ये हुआ कि बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई. 


पुलिस बनी भाजपा की एजेंट
पुलिस बीजेपी के इशारे पर काम कर रही है. पुलिस वाले कह रहे हैं कि हमें तो नौकरी बचानी है. अपने बनारस में देखा होगा कि अधिकारियों पर कितना प्रेशर है कि उसने व्यापारी के सिर पर अपना सर मार दिया. अधिकारियों पर सरकार का दबाव है. सभी अधिकारी है जानते हैं और समझते हैं कि अगर इशारे पर काम नहीं करेंगे तो नौकरी बचा पाना मुश्किल है.


भाजपा को हर जगह राजनीति और बोर्ड दिखाई दे रहा है ये कितना भी कर ले इनका सफाया होना निश्चित है. जनता इनको हराएगी तभी इनका इलाज होगा. सरकार ने फर्जी जनगणना कर करके एंग्लो इंडिया की सीट छीन ली. पिछड़ा दलित अनुसूचित जनजाति के जो लोग लखनऊ से लेकर दिल्ली तक जुड़े हैं वह भी बीजेपी का साथ छोड़ दें


कन्नौज में दलित बेटी का मामला
कन्नौज में दलित समाज की बेटी के साथ जो घटना हुई, पुलिस और बीजेपी के लोगों ने मिलकर एक झूठी कहानी बनाई है. उसे पेड़ पर लटका के बताया कि उसने आत्महत्या की है. उसका पोस्टमार्टम तक नहीं करवाया गया  पोस्टमार्टम किसकी वजह से नहीं हुआ है, वहां के बीजेपी के नेता की वजह से. उस बेटी का पोस्टमार्टम नहीं हुआ. मीडिया के माध्यम से सरकार से कहना चाहते हैं उसे बेटी का पोस्टमार्टम करवाए और जो बीजेपी के कार्यकर्ता नेता शामिल थे उन पर कार्रवाई हो उन पर भी बुलडोजर चलाया जाए.


बीजेपी ने दी तीखी प्रतिक्रिया
सपा मुखिया अखिलेश यादव के बयान पर बीजेपी बिफरी है. बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, अखिलेश मुलायम सिंह यादव से आगे निकल गए हैं. पिता मुलायम सिंह ने रेप को बताया था कि लड़कों से गलती हो जाती है तो अखिलेश इसे षड्यंत्र बता रहे हैं. अखिलेश यादव स्वयं बेटी के पिता हैं और फिर भी पीड़ित बेटी की आवाज अनसुना कर रहे हैं. आरोपी मुसलमान तो मजहबी तुष्टिकरण का तराना गा रहे हैं.