`पकौड़ा` पॉलिटिक्स के बाद अब पकौड़ा प्रदर्शन, रामपुर में SP नेता आजम खान ने बनाए पकौड़े
देश में बेरोजगारी को लेकर उत्तर प्रदेश के रामपुर में समाजवादी पार्टी ने पकौड़ा प्रदर्शन किया. पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने पकौड़े बनाकर सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया.
रामपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पकौड़ा बनाने को रोजगार बताने पर खूब राजनीति हो रही है. 'पकौड़ा' पॉलिटिक्स पर जहां आज राज्य सभा में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बेरोजगारी से अच्छा साधन बताया तो कई विपक्षी दलों ने विभिन्न स्थानों पर पकड़ों बनाकर और खिलाकर प्रदर्शन किया. उत्तर प्रदेश के रामपुर में समाजवादी पार्टी ने पकौड़ा प्रदर्शन किया. पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने पकौड़े बनाकर सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया.
पकौड़ा पॉलिटिक्स
पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने एक इंटरव्यू के दौरान पकौड़ा बेचने को एक रोजगार बताया था. उनके इस बयान पर विपक्षी दलों ने खूब राजनीति की. देश में बढ़ती बरोजगारी का आरोप लगाते हुए विपक्षी दलों ने जगह-जगह पकोड़े बनाकर अपना विरोध प्रकट किया. रामपुर में समाजवादी पार्ट कार्यकर्ताओं ने पकौड़ों का स्टॉल लगाया. यहां पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने खुद पकौड़े बनाकर कार्यकर्ताओं को खिलाए.
आजम खान ने कहा कि एक तरफ देश में बेरोजगारों की भीड़ बढ़ रही है और प्रधानमंत्री पकौड़ा बेचने को एक अच्छा रोजगार बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह तो सरासर नौजवानों का अपमान है. उन्होंने कहा कि हर हाथ को काम देने की जिम्मेदारी सरकार की है. आजम खान ने कहा कि सरकार की नीतियों के चलते देश में उद्योग-धंधे बंद हो रहे हैं और काम पर लगे हुए लोग बेरोजगार हो रहे हैं.
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भीख मांगने से अच्छा पकौड़ा बेचना
उधर, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा में पहली बार बोलते हुए विपक्ष की 'पकौड़ा' पॉलिटिक्स पर जवाब देते हुए कहा है कि पकौड़ा बेचना कोई शर्म की बात नहीं है. यह कम से कम बेरोजगारी से तो अच्छा है. दरअसल कांग्रेस नेता पी चिदंबरम समेत कई विपक्षी नेताओं के पकौड़ा बेचने संबंधी पीएम के बयान पर निशाना साधा था. इसी कड़ी में अमित शाह ने कहा कि जिस तरह एक चायवाले का बेटा देश का प्रधानमंत्री बन सकता है, उसी तरह एक पकौड़े वाले की भी अगली पीढ़ी उद्योगपति बन सकती है.
अमित शाह ने कहा, ''अभी मैं चिदंबरम साहब का ट्वीट पढ़ रहा था कि मुद्रा बैंक के साथ किसी ने पकौड़े का ठेला लगा दिया, इसको रोजगारी कहते हैं? हां मैं मांगता हूं कि भीख मांगने से तो अच्छा है कि कोई मजदूरी कर रहा है. उसकी दूसरी पीढ़ी आगे आएगी तो उद्योगपति बनेगी.''