राजकुमार दीक्षित/सीतापुर: सीतापुर में एक प्राइवेट नर्सिंग होम का अजब-गजब कारनामा सामने आया है. यहां नर्सिंग होम में मृत बच्चे का डॉक्टर तीन दिन तक इलाज करते रहे. घर वालों का आरोप है कि पैसों के लिए डॉक्‍टर मृत बच्‍चे का इलाज करते रहे. तीन दिनों में चिकित्‍सकों ने एक लाख रुपये हड़प लिए. 


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दिमागी बुखार होने पर किया था अस्‍पताल में भर्ती 
यह पूरा मामला लहरपुर तहसील स्थित बेग हॉस्पिटल का है. हरगांव थाना क्षेत्र के प्‍यारापुर कोर्रैया गंगदासपुर के रहने वाले अमर सिंह ने अपने 6 साल के मासूम बेटे को 21 नवंबर को बेग अस्‍पताल में भर्ती कराया था. बच्‍चे को दिमागी बुखार था. इस दौरान मासूम की मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्‍टरों पर गंभीर आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया. 


डॉक्‍टरों के आश्‍वासन पर वेंटिलेंटर पर रखने दिया 
अमर‍ सिंह का आरोप है कि अस्‍पताल के डॉक्‍टरों ने उसे आश्‍वासन दिया था कि उसके बच्‍चे को जीवित कर लिया जाएगा. आरोप है कि डॉक्‍टरों ने पैसों के लिए बच्‍चे को तीन दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा. डॉक्‍टरों ने तीन दिन में उससे एक लाख रुपये वसूल लिए. अमर सिंह का कहना है कि उसके बच्‍चे की मौत 21 नवंबर को ही हो गई थी. 


बीसीएम अस्‍पताल से रेफर होकर आया था बच्‍चा 
बाद में पुलिस के समझाने के बाद घर वालों ने बच्‍चे का अंतिम संस्‍कार कर दिया. पुलिस का कहना है कि अभी तक मामले में कोई तहरीर नहीं मिली है. वहीं, डॉक्टरों का कहना है कि यह बच्चा बीसीएम हॉस्पिटल से रेफर होकर आया था. इसको दिमागी बुखार था. लिवर फेल हो गया था बराबर झटके आ रहे थे. हमारे अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखना पड़ा कुछ हद तक इलाज किया गया. ऐसे बच्चों के बचने की कम संभावना होती है. परिजनों से बात कर मशीन से निकाला गया. 


बोले सीएससी अधीक्षक 
वहीं, सीएससी अधीक्षक आनंद मिश्रा कहना है कि बेग हॉस्पिटल के डॉक्टर ने बताया एक बच्चा बेहोशी की हालत में आया था. वह 3 दिन तक बेग हॉस्पिटल में एडमिट रहा. डॉक्टर से पूछताछ में पता चला कि उसे ब्रेन डेड लाया गया था. घटना उच्च अधिकारियों के संज्ञान में है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. 


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