State Capital Region in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया और दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर प्रस्तावित लखनऊ स्टेट कैपिटल रीजन के लिए अधिसूचना जारी कर दी. इसके तहत लखनऊ के आसपास राज्य राजधानी क्षेत्र बनाया जाएगा.  लखनऊ के आसपास के 6 जिलों के अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की गई है. इसके तहत लखनऊ के अलावा उन्नाव, रायबरेली, बाराबंकी, सीतापुर और हरदोई को मिलाकर ये SCR बनाया जाएगा.


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यूपी स्टेट कैपिटल रीजन के दायरे में कुल 27,860 क्षेत्रफल वर्ग किलोमीटर का एरिया किया जाएगा. प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे और मुख्य सचिव, विभागीय अपर मुख्य सचिव, विभागीय सचिव आदि इसमें सदस्य होंगे. कई महत्वपूर्ण विभागों के अपर मुख्य सचिव, सचिव पदेन सदस्य होंगे. इन सभी छह जिलों के डीएम,विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी सदस्य होंगे. मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजन भी पदेन सदस्य होंगे.  भारत सरकार की ओर से नामित और रक्षा मंत्रालय की ओर से नामित अधिकारी भी राज्य राजधानी क्षेत्र सदस्य होंगे. एससीआर प्राधिकरण के सचिव का पदभार मंडलायुक्त लखनऊ होंगे.


उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां इस तरह की पहल की गई है. राज्य राजधानी क्षेत्र के बाद इन जिलों में कनेक्टिविटी एक्सप्रेसवे की तरह होगी. मेट्रो, बसों और ट्रेनों का बेहतर ढांचा विकसित होगी. बड़ी रियल एस्टेट परियोजनाएं भी जमीनी धरातल पर उतरेंगी. नोएडा-गाजियाबाद की तरह लखनऊ के आसपास जिलों का कायाकल्प होगा.यह यूपी सरकार का सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट माना जा रहा है. इससे बड़े पैमाने पर पुल सड़क मेट्रो ढांचे के विस्तार से लाखों की संख्या में रोजगार पैदा होंगे. साथ ही राजधानी लखनऊ पर बढ़ता बोझ भी कम होगा.


ये बड़े फायदे होंगे UPSCR के


1. स्टेट कैपिटल रीजन बनने से इन क्षेत्रों में नया बायलॉज लागू होगा. बेतरतीब तरीके से बन रहे भूखंडों, सोसायटी और अतिक्रमण पर लगाम लगेगी. राजधानी लखनऊ तक आवागमन आसान होगा.
2. लखनऊ से सटे उन्नाव बाराबंकी सीतापुर जैसे जिलों को भी राजधानी आने के लिए दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर मेट्रो और बसों की कनेक्टिविटी होगी, ताकि लखनऊ में बसने की बजाय इनके आसपास ही लोग बस सकें.
3. इन जिलों के बीच ट्रैफिक सिस्टम भी बदलेगा. ये सब इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से जुड़ेंगे और यातायात नियमों का उल्लंघन आसान नहीं होगा. सीसीटीवी निगरानी बढ़ेगी
4.फीडर बसों के साथ इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा होगा. अंतरराज्यीय बस अड्डा और रेलवे स्टेशनों के बीच भी बेहतर कनेक्टिविटी होगी.
5. कानपुर और लखनऊ को उन्नाव के रास्ते मेट्रो से भविष्य में जोड़ा जा सकता है.  कानपुर और लखनऊ एयरपोर्ट का ढांचा भी विकसित किया जाएगा.
6. लखनऊ SCR रीजन से दिल्ली-नोएडा जैसी ऊंची इमारतें भी इन क्षेत्रों में दिखेंगी. रियल एस्टेट परियोजनाओं के साथ सड़क, पुल और फुट ओवरब्रिज आदि बनाए जाएंगे.


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