Uttar Pradesh Roadways: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने बुधवार को प्रदेश के चार और डिपो निजी फर्मों को सौंप दिया गया. अब प्रदेश के 20 रीजन में से हर रीजन में कम से कम एक डिपो का संचालन निजी कंपनियां करेंगी. इसके साथ ही अब कुल 19 डिपो निजी हाथों में चले गए हैं. इनमें परिवहन निगम मुख्यालय के पास स्थित अवध डिपो भी शामिल है.


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इन डिपो को सौंपा गया निजी फर्मो को
परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को मेरठ के सोहराब गेट डिपो, सहारनपुर के छुटमलपुर डिपो, अलीगढ़ के एटा डिपो और कानपुर के विकास नगर डिपो को निजी कंपनियों को सौंपा गया.
सोहराब गेट डिपो: प्रति किलोमीटर 5.07 रुपये पर
छुटमलपुर डिपो: प्रति किलोमीटर 4.96 रुपये पर
एटा डिपो: प्रति किलोमीटर 4.69 रुपये पर
विकास नगर डिपो: प्रति किलोमीटर 5.17 रुपये पर


निजी कंपनियां करेंगी ये व्यवस्थाएं
परिवहन निगम के अनुसार, जिन फर्मो को ठेका दिया गया है, वे बसों के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी संभालेंगी. उन्हें स्पेयर पार्ट्स, लेबर, लुब्रिकेंट्स और टायर जैसी व्यवस्थाएं खुद करनी होंगी. परिवहन निगम वर्कशॉप, डीजल और रिपेयर के लिए बसें मुहैया कराएगा.
परिवहन निगम के प्रवक्ता अजीत सिंह ने बताया कि इन ठेकों से निगम को फायदा होगा क्योंकि निजी फर्मो ने बेहद कम कीमतों पर काम संभाला है.


15 डिपो हो चुके हैं प्राइवेट
इससे पहले परिवहन निगम ने 15 डिपो निजी कंपनियों को सौंपे थे. इनमें हरदोई, नजीराबाद, इटावा,  अवध, जीरो रोड, ताज, साहिबाबाद, बदायूं, झांसी, कैंट, बांदा और बलरामपुर डिपो शामिल हैं.


निजीकरण से क्या होगा असर?
परिवहन निगम का दावा है कि इस कदम से बसों के मेंटेनेंस में तेजी आएगी और लागत कम होगी. हालांकि, इसका कर्मचारियों और यात्रियों पर क्या असर होगा, यह समय बताएगा.


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