Digital Attendance in Primary School: उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी बृजेश पांडेय ने कहा कि डिजिटल हाजिरी की मौजूदा व्यवस्था अव्यावहारिक है. गांव-देहात की सड़कें, रेलवे क्रांसिंग, रास्तों में सड़कों पर जाम और बाढ़ जैसी स्थिति में शिक्षकों का स्कूल पहुंचना आसान नहीं है. सिर्फ 15-30 मिनट की टाइमिंग में वेतन कटौती अमानवीय कदम है. उनका कहना है कि बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी शिक्षकों को सिर्फ 14 दिन की कैजुअल लीव मिलती है. कोई अर्न लीव नहीं मिलती है. प्राइमरी टीचरों के मेडिकल इंश्योरेंस की भी कोई सुविधा नहीं है, जबकि राज्य कर्मचारियों को ये सारी सुविधाएं दी जाती हैं. ऐसे में सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद मानवीय दृष्टि से इस बारे में सोचें. अगर टीचर लेट हो जाता  है तो उसके पास आधे दिन की कैजुअल लीव लगाने या अर्न लीव जैसा विकल्प होना चाहिए. शायद ही कोई ऐसा शिक्षक होगा, जो जानबूझकर स्कूल देरी से पहुंचने की सोचता हो. शिक्षकों से पढ़ाई के अलावा भी तमाम काम लिए जाते हैं, वो भी सही नहीं है.


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यूपी में कुल 1 लाख 13 हजार 249 प्राइमरी स्कूल हैं. इनमें प्रिंसिपल और सहायक अध्यापकों के कुल 4 लाख 17 हजार 886 स्वीकृत पद हैं. इसमें 3.32 लाख शिक्षक और 1.47 लाख शिक्षामित्र अभी कार्यरत हैं. करीब 85 हजार पद प्रधानाध्यपक और सहायक अध्यापक पदों के रिक्त हैं.




 


बायकॉट ऑनलाइन हाजिरी
ऑनलाइन हाजिरी के विरोध में दिनभर शिक्षकों ने एक्स पर हल्ला बोल किया. शिक्षकों ने #Boycottऑनलाइनहाजिरी के माध्यम से अपना विरोध जताया. शिक्षकों का कहना है कि हम ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध नहीं कर रहे है बल्कि हम डिजिटल अटेंडेंस से पहले अपनी मांगों का समाधान चाहते है. 


बहिष्कार की कर कहे है मांग
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिनेश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता में लखनऊ स्थित कार्यालय में हुई जिला व प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में 11, 12 जुलाई को ब्लॉक स्तर पर शिक्षकों से बैठक कर उनका मत जानने और उसके बाद आगे के आंदोलन की घोषणा करने का निर्णय लिया गया है. राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने इस निर्णय के पूर्ण बहिष्कार की घोषणा की है. इस मामले में सोमवार को डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन देने का निर्णय लिया है. उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (सुशील पांडेय गुट) ने भी इस निर्णय के बहिष्कार की घोषणा की है. काली पट्टी बांधकर काम करने और 11 जुलाई को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है.


स्कूल देर पहुंचने का बताना होगा कारण
उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग मे शिक्षकों को तय समय से 30 मिनट बाद तक डिजिटल हाजिरी बनाने की छूट दी है. साथ ही यूपी के शिक्षा विभाग ने एक्स पर पोस्ट लिखा है कि परिषदीय विद्यालयों के डिजिटल हस्ताक्षर के आदेश दे दिए गए है. बेसिक शिक्षा अधिकारियों और खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये जा चुके हैं. लेकिन इसके साथ ही शिक्षा विभाग में यह भी बताया गया कि देर से हाजिरी लगाने पर स्कूल देर पहुंचने का कारण भी बताना होगा.


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