भूमि विवादों पर सीएम योगी का अल्टीमेटम, चकबंदी मामलों का इतने दिन में करना होगा निपटारा
UP Chakbandi: चकबंदी निदेशालय ने चकबंदी मामलों के निस्तारण की समयसीमा 35 दिन तय की है, सभी जिलाधिकारियों को चकबंदी मामलों की निगरानी और समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके तहत एक ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू किया गया है.
UP Chakbandi News: उत्तर प्रदेश सरकार ने चकबंदी मामलों के निस्तारण के लिए एक नई व्यवस्था शुरू की है. चकबंदी निदेशालय ने प्रदेशभर के सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे चकबंदी के मामलों को 35 दिनों के भीतर निस्तारित करें. इसके लिए सहायक चकबंदी अधिकारियों के कार्यालयों को ऑनलाइन जोड़ा जा रहा है.
राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव पी गुरुप्रसाद ने यह भी स्पष्ट किया है कि चकबंदी के मामलों की निगरानी के लिए नौ प्रारूप तैयार किए गए हैं, जिनका पालन सभी जिलाधिकारियों को करना होगा. इन प्रारूपों में न केवल चकबंदी के मामलों की स्थिति, बल्कि इनसे संबंधित सभी कार्रवाइयों का भी ब्यौरा देना होगा.
इसके अलावा, सभी लंबित मामलों की जानकारी को तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा है. तीन माह तक लंबित, तीन से छह माह तक लंबित और एक से तीन वर्ष व तीन वर्ष से अधिक समय से लंबित मामले जिलाधिकारियों को हर माह के पहले सप्ताह में इन मामलों की समीक्षा करनी होगी और ऑनलाइन रिपोर्ट चकबंदी आयुक्त को 10 तारीख तक भेजनी होगी.
इस बीच, राज्य सरकार ने भारतीय वन सेवा के अधिकारी सुशांत शर्मा को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग का सचिव नियुक्त किया है.
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