Canada News: कनाडा के ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर के पास एक ऐसी घटना घटी जिसकी जितनी निंदा कर कम है. दरअसल, यहां पर खालिस्तानी चरमपंथियों के प्रदर्शन ने देखते ही देखते हिंसात्मक रूप ले लिया और मंदिर के भक्तों पर हमले किए. जिसके बाद मंदिर के बाहर हिंदुओं द्वारा भी विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान मंदिर के पुजारी ने कहा कि कनाडा में रह रहे हिंदू समाज पर यह हमला नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया के हिंदुओं पर यह हमला किया गया है. 


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"बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे, नेक रहेंगे
ध्यान देने वाली बात है कि कथित तौर पर कनाडा के मंदिर के बाहर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नारे को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि बंटोगे तो कटोगे. सीएम योगी ने दरअसल हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान यह नारा कहा था. उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि "बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे, नेक रहेंगे.



भारतीय उच्चायोग ने की इस हमले की निंदा
कनाडा के ओटावा में 4 नवंबर को भारतीय उच्चायोग ने जारी अपने एक बयान में ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा किए हमले की कड़ी निंदा की. ओटावा में भारतीय अपने आधिकारिक बयान में उच्चायोग ने कहा कि "आज (3 नवंबर) टोरंटो के पास हमने ब्रैम्पटन में आयोजित वाणिज्य दूतावास शिविर के बाहर भारत विरोधी तत्वों की ओर से हिंसक व्यवधान देखा गया है. यह शिविर हिंदू सभा मंदिर के साथ मिलकर आयोजित की गई थी"


"हम बहुत चिंतित हैं"
भारतीय उच्चायोग ने कहा कि-"यह देखना निराशाजनक है कि हमारे वाणिज्य दूतावास की ओर से स्थानीय सह-आयोजकों के पूरे सहयोग से आयोजित नियमित वाणिज्य दूतावास संबंधी कामों में इस तरह रुकावट पैदा की जा रही हैं. भारतीय नागरिकों समेत आवेदकों की सुरक्षा को लेकर भी हम बहुत चिंतित हैं." 



जस्टिन ट्रूडो ने भी हमले की निंदा की
इससे पहले इस हमले की निंदा कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी की और कहा कि हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित रूप से पालन करने का अधिकार है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा अस्वीकार्य है. अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित रूप से पालन करने का हर कनाडाई को अधिकार है.


जानें क्या है पूरा मामला
3 नवंबर को ब्रैम्पटन हिंदू सभा मंदिर के पास खालिस्तानी चरमपंथियों और भारतीय तिरंगे को थामे एक समूह के साथ उनकी झड़प हो गई थी.  वीडियो फुटेज से पता चलता है कि खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने विरोधी समूह पर हमला किया. इस दौरान कई लोग सुरक्षा की तलाश में मंदिर परिसर में भाग गए, जिससे चरमपंथियों ने मंदिर पर हमला कर दिया. इससे पहले, विंडसर, मिसिसॉगा और ब्रैम्पटन में मंदिरों को भी इसी तरह की तोड़फोड़ का सामना करना पड़ा था.


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