अजीत सिंह/अयोध्या: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को रामनगरी अयोध्या पहुंचे. योगी आदित्यनाथ महंत रामचंद्र परमहंस की पुण्यतिथि के मौके पर दिगंबर अखाड़ा पहुंचे और पुष्पांजलि अर्पित की. इस दौरान वो भावुक भी हुए. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में भी जानकारी ली. दीपोत्सव महोत्सव और रामलला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए.


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रामनगरी से है गहरा रिश्ता 
सीएम योगी का रामनगरी अयोध्या के दिगंबर अखाड़े से गहरा रिश्ता रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण दिगंबर अखाड़ा के महंत और राम मंदिर आंदोलन में शलाका पुरुष के रूप में जाने जाने वाले रामचंद्र परमहंस और उनके गुरु महंत अवैद्यनाथ के बीच का मित्रता का रिश्ता भी है. इसीलिए राम मंदिर आंदोलन के समय गोरक्ष पीठाधीश्वर अवैद्यनाथ रामनगरी आते थे तो दिगंबर अखाड़ा में ही रुकते थे.


राम मंदिर आंदोलन
रामनगरी अयोध्या और दिगंबर अखाड़ा का रिश्ता अवैद्यनाथ तक ही नहीं बल्कि उनके गुरु दिग्विजयनाथ के समय से है. योगी बालकाल से अपने गुरु के साथ रामनगरी और दिगंबर अखाड़ा आते रहे हैं. यूं तो योगी आदित्यनाथ के गुरु हों या बाबा गुरु सभी का रामनगरी से गहरा रिश्ता रहा,लेकिन राम मंदिर आंदोलन ने रिश्तों को नया आयाम दिया है. आंदोलन के दौरान योगी के गुरु महंत अवैद्यनाथ का रामनगरी में काफी आना-जाना रहा. इस दौरान महंत अवेद्यनाथ जब रामनगरी आए तो दिगंबर अखाड़ा में ही अपना ठिकाना बनाया. यही वजह रही कि दिगंबर अखाड़ा के महंत रामचंद्र परमहंस से उनकी निकटता बढ़ती चली गई. रामचंद्र परमहंस को मंदिर आंदोलन का शलाका पुरुष भी कहा जाता है. राम मंदिर आंदोलन का पूरा ताना-बाना इन्हीं के इर्द-गिर्द घूमता रहा.


रामनगरी में सीएम योगी 
लगभग तीन दशक पहले राम मंदिर आंदोलन का चरम उत्कर्ष,उसके बाद भी यह सिलसिला नहीं रुका।रामनगरी में आंदोलन की गर्मी महसूस होती रही. इसके बाद दिगंबर अखाड़ा के महंत रामचंद्र परमहंस का देहांत और आंदोलन में शिथिलता समेत कई ऐसी वजह रही,जिसकी वजह से महंत अवैद्यनाथ और योगी आदित्यनाथ का रामनगरी और दिगंबर अखाड़ा आना कम हो गया. इसके बाद योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए और लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं.  रामनगरी के प्रति सीएम योगी का जो लगाव है, वह अक्सर सामने आता रहा है. हाल ही में रामनगरी के दौरे पर सीएम ने मंच से कहा था कि किसी एक शहर में जितनी परियोजनाएं और विकास के कार्य चल रहे हैं, उतना यूपी के किसी जिले में नहीं हो रहा है. यही नहीं अपने सीएम कार्यकाल में योगी जितनी बार रामनगरी आ चुके हैं, वो अपने आप में एक रिकॉर्ड है.


योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने के बाद से जब-जब रामनगरी आए तो दिगंबर अखाड़ा जाना नहीं भूले. यह लगाव है उनके गुरु और बाबा गुरु के द्वारा संबंधों के उस बीज का जो अब फलदार वृक्ष बन चुका है. कई मौके पर सीएम ने कहा है कि गोरखपुर के बाद उनका दूसरा घर रामनगरी है. इसके पीछे की अपनी ही अलग कहानी है. गोरक्ष पीठ से रामनगरी का रिश्ता और राम मंदिर से लगाव ही सीएम योगी को रामनगरी खींच लाता है. रामनगरी आने के बाद ऐसे कई साधु संतों से सीएम योगी की मुलाकात भी होती है जो उनके गुरु के निकट रहे. इसीलिए सीएम योगी रामनगरी को सांस्कृतिक ही नहीं धार्मिक राजधानी बनाना चाहते हैं. 


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