यूपी में बिजली निजीकरण का मुद्दा देश भर में गरमाएगा, किसानों की तरह लखनऊ समेत कई शहरों में महापंचायत का ऐलान
UP Electricity Department Strike: उत्तर प्रदेश में बिजली निजीकरण का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है. विद्युत कर्मियों ने इसको लेकर किसानों की तरह महापंचायतों का ऐलान कर दिया है. ऐसे में आने वाले दिनों में बिजली हड़ताल असर दिखा सकती है.
UP Bijli Vibhag Nijikaran News: उत्तर प्रदेश में बिजली निजीकरण का मुद्दा अब राज्य से बाहर निकलकर देशव्यापी बनाने की तैयारी है. कर्मचारी संगठनों ने लखनऊ, चंडीगढ़ और दिल्ली समेत कई शहरों में बिजली महापंचायत का ऐलान किया है. इसके तहत, लखनऊ में 22 दिसंबर को कर्मचारी संगठनों के नेता और विद्युत कर्मचारी जुटेंगे. इसके बाद चंडीगढ़ में 25 दिसंबर को ऐसी ही पंचायत बुलाई गई है.
बिजली कंपनियों का निजीकरण के खिलाफ आंदोलन
बिजली कंपनियों के निजीकरण के विरोध में 13 और 19 दिसंबर को सभाएं आयोजित होंगी. इसके बाद लखनऊ में 22 दिसंबर को बड़ा विरोध प्रदर्शन आहूत किया गया है. चंडीगढ़ में निजीकरण के विरुद्ध 25 दिसंबर को विशाल बिजली पंचायत की घोषणा की गई है. NCCCOEEE ने चेतावनी दी है कि निजीकरण की तरफ सरकार का कोई भी एकतरफा कदम संकट बढ़ाएगा. इससे देश के 27 लाक बिजली कर्मचारी सड़क पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे. चंडीगढ़ में भी बिजली वितरण व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया गया है. ऐसे में संयुक्त तौर पर आंदोलन आगे बढ़ाने का फैसला किया गया है.
निजीकरण का विरोध
बिजली कर्मचारी 13 दिसंबर को देश भर में निजीकरण विरोधी दिवस मनाएंगे. काकोरी के महानायक राम प्रसाद बिस्मिल,अशफाक उल्ला खां और ठाकुर रोशन सिंह के शहीदी दिवस 19 दिसंबर को भी कार्यक्रम होगा. इस दिन शहीदों के सपनों का भारत बचाओ और निजीकरण हटाओ का नारा दिया गया है. हर जिले में भी बिजली मुख्यालयों धरना प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा. बिजलीकर्मियों के आंदोलन में किसान संगठन और दूसरे मोर्चों के नेता और सदस्य भी बुलाए गए हैं. बिजली के निजीकरण से ग्राहकों और कर्मचारियों को संभावित भारी नुकसान के बारे में बताया जाएगा.