उत्तर प्रदेश में बरसात के मौसम में ही उपभोक्ता को महंगी बिजली का करंट लग सकता है. बिजली दरों में प्रस्तावित वृद्धि को लेकर जन सुनवाई की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है. अब सबकी निगाहें राज्य सलाहकार उपभोक्ता समिति की बैठक पर है, जिसकी 24 जुलाई को बैठक होनी है. 
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार की अगुवाई में यह बैठक होगी.


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केस्को, पूर्वांचल, दक्षिणांचल और पश्चिमांचल और ग्रेटर नोएडा के वितरण निगमों की विद्युत आवश्यकताओं को लेकर सुनवाई हो चुकी है. हालांकि विधानसभा चुनाव के पहले बिजली दरों में बढ़ोतरी होगी या नहीं, इस पर अभी संदेह है. बिजली कंपनियां सात से 23 फीसदी तक बढ़ोतरी की वकालत कर रही हैं, हालांकि इतना बढ़ा इजाफा शायद ही हो.


बिजली दरों को लेकर राज्य सलाहकार समिति सबसे अहम मंच है, जहां बिजली दरों में वृद्धि का सैद्धांतिक फैसला हो सकता है. हालांकि विद्युत उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा इसमें उपभोक्ताओं के हितों की बात रखेंगे. उनका कहना है कि बिजली कंपनियों पर पहले ही उपभोक्ताओं का बड़ा बकाया है. ऐसे में बिजली दरों में बढ़ोतरी का सवाल ही नहीं उठना चाहिए. बैठक में यूपी सरकार के अहम विभागों के प्रमुख सचिव, विद्युत निगम में एमडी, ऊर्जा सचिव और अन्य अहम अधिकारी शामिल होंगे.