Right To Education in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश सरकार ने दो वर्षों में गरीब बच्चों की 436 करोड़ रुपये की फीस की भरपाई की है. शैक्षिक सत्र 2024-25 में आरटीई के तहत 114196 बच्चों का प्रवेश कराया गया है. प्रदेश के 5 लाख से अधिक बच्चे निजी स्कूलों में शिक्षा ले रहे हैं. शैक्षणिक सत्र 2022-23 में 71214 बच्चों के मुकाबले सत्र 2024-25 में  114196 बच्चों का नामांकन हुआ. 


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उत्तर प्रदेश सरकार ने दो वर्षों में गरीब बच्चों की 436 करोड़ रुपये की फीस की भरपाई की है. शैक्षिक सत्र 2024-25 में आरटीई के तहत 114196 बच्चों का प्रवेश कराया गया है. प्रदेश के 5 लाख से अधिक बच्चे निजी स्कूलों में शिक्षा ले रहे हैं. शैक्षणिक सत्र 2022-23 में 71214 बच्चों के मुकाबले सत्र 2024-25 में  114196 बच्चों का नामांकन हुआ. 


योगी सरकार ने बच्चों की शिक्षा में निवेश को बढ़ावा दिया है, खासकर गरीब पिछड़े वंचित वर्ग के बच्चों को प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए पढ़ाई में मदद की है. पिछले दो वित्तीय वर्षों में 436 करोड़ रुपये की फीस आरटीई के तहत बड़े स्कूलों को भुगतान की गई है. गरीब बच्चों के प्रवेश के बदले ये मदद दी गई है.


2017 से आरटीई एक्ट में लाभ
जानकारी के मुताबिक, सरकार में आते ही वर्ष 2017 में आरटीई एक्ट के इस योजना का लाभ दिया गया. एक ऑनलाइन पोर्टल लांच किया गया. सत्र 2020-21 से इस योजना का विस्तार ग्रामीण क्षेत्रों में भी हुआ. इससे पूरे राज्य के अधिक से अधिक बच्चों को लाभ मिला है. अभिभावक अब पास के विद्यालयों में ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं और इस योजना का अधिक लाभ ले रहे हैं।


अधिक नामांकन और रिकॉर्ड फीस प्रतिपूर्ति 
शैक्षिक सत्र 2022-23 में 71214 बच्चों का नामांकन हुआ था. 2024-25 में बढ़कर 1 लाख 14 हजार से ज्यादा हो गया. पांच लाख से ज्यादा गरीब बच्चे अब प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे हैं. दो साल में ही 436 करोड़ रुपये की फीस की भरपाई गरीब बच्चों के प्रवेश के बदले अमीर और प्रतिष्ठित प्राइवेट स्कूलों को की गई है.


बढ़ रहा शिक्षा सुधार
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि आरटीई के तहत बच्चों के समय पर नामांकन के लिए सत्र 2025-26 के लिए 4 चरणों में आवेदन होगा. यह 1 दिसंबर, एक जनवरी, एक फरवरी और  एक मार्च से उस महीने की 19 तारीख तक रहेगी. हर चरण के लिए लॉटरी और नामांकन की तारीखें तय हैं. इससे आवेदन में देरी नहीं होगी. पैरेंट्स की मदद के लिए जिलों में हेल्पडेस्क की व्यवस्था है. स्वयंसेवकों की मदद से ग्रामीण क्षेत्रों में ली जाएगी. जिला प्रशासन भी सहयोग कर रहा है. आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेजों की सुविधा को सरल बनाया जा रहा है.