लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पर सवाल उठा रहे विपक्ष को यूपी सरकार ने आंकड़ों के जरिये जवाब दिया है. इसमें दावा किया गया है कि साढ़े सात साल में 80 हजार से अधिक अपराधियों को गुनाहों की सजा मिली है. 54 अपराधियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है. महिलाओं और किशोरियों के खिलाफ अपराधों में सबसे ज्यादा फांसी की सजा दिलाई गई है. 


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यूपी पुलिस एनकाउंटर में अब तक 210 बदमाशों को ढेर कर चुकी है. वहीं यूपी पुलिस का अभियोजन निदेशालय अपराधियों को सजा दिलाने में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है. पिछली सरकारों में उसका लचर प्रदर्शन था. पिछले साढ़े सात सालों में 81,196 हजार से अधिक अपराधियों को उनके गुनाहों की सजा मिल चुकी है. इनमें 29,196 अपराधियों में से 54 को फांसी, 3125 को आजीवन कारावास, 9076 को 10 वर्ष से अधिक कारावास और 16,941 अपराधियों को 10 साल से कम सजा मिली है.


पिछले 16 माह में ऑपरेशन कन्वेंशन के तहत पुलिस और अभियोजन विभाग ने अब तक 52000 से अधिक अपराधियों को सजा दिलाई है. महिला संबंधी अपराधों में क्रमश: महिलाओं के खिलाफ लैंगिक, बलात्कार, गंभीर अपराध, पॉक्सो एक्ट समेत अन्य अपराध के मामलों में अगस्त-24 तक 28,700 अपराधियों को सजा दिलायी जा चुकी है. इनमें महिलाओं के खिलाफ अपराध में 16,565 अपराधियों को सजा दिलाई गई है. इन मामलों में 9 अपराधियों को मृत्युदंड, 1720 को आजीवन कारावास, 4443 को 10 वर्ष से अधिक के कारावास और 10393 को 10 वर्ष से कम के कारावास की सजा दिलाई गई है.


दुर्दांत अपराधियों को सजा
एडीजी दीपेश जुनेजा ने कहा कि पॉक्सो एक्ट के तहत अगस्त 24 तक 12135 अपराधियों को सजा दिलाई गई है. इनमें 44 अपराधियों को फांसी, 1354 अपराधियों को आजीवन कारावास, 4,599 अपराधियों को 10 साल से अधिक के कारावास और 6138 अपराधियों को 10 साल से कम की सजा दिलाई गई है. जबकि दुर्दांत और टॉप 10 कैटेगरी के 496 अपराधियों को सजा मिली है.


इनमें एक अपराधी को मृत्युदंड, 51 को आजीवन कारावास, 34 अपराधियों को 10 वर्ष से अधिक के कारावास और 410 अपराधियों को 10 वर्ष से कम के कारावास की सजा दिलाई गई है. वहीं प्रदेश के 69 चिह्नित माफिया अपराधियों एवं उनके गिरोह के खिलाफ 25 मार्च 2022 से 31 अगस्त 24 तक कुल 42 मामलों में 29 अपराधियों को सजा दिलाई गई है. इनमें एक मामले में मृत्युदंड, 5 मामलों में आजीवन कारावास, 7 मामलों में 10 वर्ष से अधिक के कारावास और 29 मामलों में 10 वर्ष से कम के कारावास की सजा दिलाई है.