UP School Bus News: उत्तर प्रदेश सरकार स्कूली वाहनों से आने-जाने वाले बच्चों के साथ होने वाले हादसों को लेकर और गंभीर हो गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर परिवहन विभाग ने 8 जुलाई यानी सोमवार से ऐसे अनफिट स्कूली वाहनों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है जो विभाग द्वारा जारी 13 मानकों पर खरे नहीं उतरते. परिवहन विभाग के अधिकारी स्कूली वाहनों की फिटनेस, बीमा, परमिट, प्रदूषण आदित की वैधता की जांच कराएगा. साथ ही ऐसे वाहनों की लिस्ट तैयार की जाएगी जो फिट या अनफिट हैं.  


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परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि, सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि बच्चों को स्कूल लाने ले जाने में इस्तेमाल होने वालों वाहनों की जिलेवार सूची तैयार की जाए, और पंजीकृत स्कूली वाहनों का सत्यापन किया जाए.  दयाशंकर सिंह ने बताया कि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वो फिट और अनफिट वाहनों की अलग-अलग सूची तैयार कर  स्कूल प्रबंधकों और वाहन मालिकों के साथ बैठक की जाए, ताकि मानकों के अनुरूप संचाल को सुनिश्चित किया जा सके.


करीब 15 दिन चलेगा अभियान
उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री के निर्देश पर 8 जुलाई से फिट और अनफिट वाहनों की जांच के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है. इस अभियान के तहत स्कूली वाहनों के परमिट, प्रदूषण प्रमाण पत्र और फिटनेस आदि की जांच की जाएगी और यह जांच अभियान अगले 15 दिन तक चलेगा. इस जांच के दौरान नियमों के विरुद्ध संचालित पाए जाने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 


आइये आपको बताते हैं कि इस अभियान के मुख्य उद्देशय बिंदु क्या हैं. 


इस अभियान का उद्देश्य स्कूली बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना है. 
इस अभियान में मोटर यान नियमावली का उल्लंघन बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. 
बगैर फिटनेस और पंजीकरण के चलने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
15 दिन तक चलने वाले इस अभियान में व्यापक तौर पर फिटनेस, परमिट, प्रदूषण और बीमा आदि की जांच की जाएगी. 
अभियान के तहत जिलेवार स्कूली वाहनों का सत्यापन कर फिट और अनफिट वाहनों की सूची तैयारी की जाएगी. 


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