UPSESSB Teacher Recruitment: उत्तर प्रदेश के 2355 राजकीय हाईस्कूल व इंटर कॉलेजों में अब कंप्यूटर विषय के सहायक अध्यापक (एलटी ग्रेड) एमसीए डिग्रीधारी अभ्यर्थी भी बन पाएंगे. शिक्षा निदेशालय के द्वारा शिक्षकों की भर्ती के लिए अधियाचन को यूपी लोक सेवा आयोग को भेज दिया गया है. हालांकि नियमावली अपडेट नहीं होने की वजह से विज्ञापन जारी नहीं किया जा सका है. यूपी अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवा (षष्टम् संशोधन) नियमावली 2023 में जो भी संशोधन हुए हैं उनको मंजूर करने के लिे माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव के द्वारा पिछले दिनों ही अपरमुख्य सचिव दीपक कुमार के समक्ष प्रस्ताव को प्रस्तुत किया गया था. 


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नया और पुराना नियम 
नया नियम कहता किपुरानी अर्हता के साथ ही अब एमसीए (कंप्यूटर अप्लीकेशन में परास्नातक) को भी कंप्यूटर विषय के सहायक अध्यापक पोस्ट के लिए मान्य होगा. पहले बीएड अनिवार्य अर्हता थी जिसको नये नियम में अधिमानी (वेटेज) अर्हता के तौर पर मान्यता मिल चुकी है. ध्यान देने वाली बात है कि पहले कई ऐसी डिगरी या उपाधि की जरूरत थी जिससे कि सहायक अध्यापक कंप्यूटर के लिए किसी व्यक्ति योग्य माना जा सके. जैसे कि सहायक अध्यापक कंप्यूटर के लिए ये योग्यता होना आवश्यक था- 
बीटेक/बीई (कंप्यूटर विज्ञान में)  स्नातक की उपाधि
या कंप्यूटर विज्ञान में विज्ञान स्नातक की उपाधि
या कंप्यूटर अप्लीकेशन में विज्ञान स्नातक की उपाधि
या कंप्यूटर अप्लीकेशन में स्नातक की उपाधि
या एनआईईएलआईटी से ह्यएह्ण स्तरीय पाठ्यक्रम के साथ स्नातक की उपाधि
इसके साथ ही बीएड या समकक्ष उपाधि अनिवार्य थी. 


कंप्यूटर शिक्षकों की कमी
अर्हता में संशोधन से कंप्यूटर शिक्षकों की कमी राजकीय स्कूलों से दूर हो पाएगी, ऐसा माना जा रहा है. हालांकि इससे पहले साल 2018 की एलटी ग्रेड (सहायक अध्यापक) भर्ती में लोक सेवा आयोग ने कंप्यूटर शिक्षकों के कुल 1673 पदों के लिए वैकेंसी निकाली थी जिसके बाद 36 पद ही भर पाए थे. 890 राजकीय स्कूलों में 25 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय पर जेम पोर्टल के माध्यम से कंप्यूटर शिक्षकों (आउटसोर्स) को रखने के लिए बजट का प्रावधान वित्तीय वर्ष 2022-23 में कर दिया गया था. समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना ऑफिस लखनऊ में 27 जनवरी 2023 को ही इस संबंध में मीटिंग की गई लेकिन नियुक्ति आज तक नहीं की जा सकी. 


बीएफए डिग्रीधारी के लिए नियम
कला शिक्षकों की अर्हता में भी नयी नियमावली में बदलाव करने का भी प्रस्ताव जोड़ा  गया है. कला के लिए सहायक अध्यापक के पास कला या ललितकला विषय के साथ पहले स्नातक व बीएड या उसी के समकक्ष उपाधि होनी अनिवार्य थी. अब कला विषय के साथ तक डिग्री वालों के लिए बीएड की उपाधि अनिवार्य है साथ ही ऐसा भी होगा किललितकला (बीएफए) करने वालों को सीधे आवेदन करने दिया जा सकेगा. बीएड को अधिमानी (वेटेज) अर्हता मान लिया गया है.