UP Politics: यूपी में लोकसभा चुनाव के नतीजों से बीजेपी भले ही निराश हुई, लेकिन अब बीजेपी प्रदेश में शिकस्त की इस वजह को टटोलने में जुटी है. ऐसे में बीजेपी पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी को भी एक बड़ी वजह मान रही है. जिसके चलते पार्टी ने अपने नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने की कवायद तेज कर दी है. यही वजह है कि पार्टी 2800 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को तोहफा देने वाली है. दरअसल, बीजेपी एक ओर जहां आयोग, निगम-बोर्डों में उनके समायोजन को लेकर मंथन कर रही है. तो वहीं अब शहरी निकायों में पार्षदों के मनोनयन की भी पार्टी तैयारी में है. प्रदेश के शहरी निकायों में 2805 पार्षद मनोनीत होने वाले हैं. इसके अलावा गन्ना समितियों के चुनाव भी होने हैं. इन्हीं बिंदुओं को लेकर बुधवार को प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने पार्टी के राज्य मुख्यालय में क्षेत्रीय अध्यक्षों और प्रभारियों के साथ बैठक की. उपचुनाव वाली विधानसभा सीटों पर चुनावी तैयारियों को लेकर भी विस्तार से बात की.


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कार्यकर्ताओं का बढ़ा महत्व
क्षेत्रीय अध्यक्षों और प्रभारियों को पार्षदों को मनोनीत करने के लिए नाम चयन की प्रक्रिया की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है. ये भी साफ-साफ कह दिया गया है कि जमीनी कार्यकर्ताओं के ही नाम इसके लिए आने चाहिए. किसी जनप्रतिनिधि या पदाधिकारी की जेब के चेहरों के ही नाम न आ जाएं. क्षेत्रीय, राजनैतिक और सामाजिक समीकरणों का विशेष ध्यान रखा जाए. नाम चयन की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी दिखनी चाहिए. जो ना नीचे से आएं, उन पर फैसलों में सामूहिकता दिखनी चाहिए. इसके लिए क्षेत्रीय प्रभारियों और क्षेत्रीय अध्यक्षों को जिलों में कोर टीम के साथ बैठक करने के निर्देश दिए गए हैं. सबसे रायशुमारी करने के बाद नामों की सूची तय कर प्रदेश को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं.


गन्ना समितियों के सभापतियों के नाम
जल्द ही यूपी में गन्ना समितियों के चुनाव भी होने हैं. इन समितियों के सभापति के लिए भी नाम मांगे गए हैं. इन चुनावों को लेकर सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने अलग से मीटिंग भी की. प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन ने उपचुनाव वाली 10 विधानसभा सीटों पर चुनावी तैयारियों को लेकर बात की. बूथ और पन्ना समितियों की मजबूती पर जोर दिया गया. इन सीटों पर मंडल और शक्ति केंद्र संयोजक भी नियुक्त किए जा चुके हैं. क्षेत्रवार अलग-अलग भी पदाधिकारियों से चर्चा की गई.


लंबे समय से ये पद हैं खाली
आपको बता दें, लंबे समय से निगम और बोर्डों में पद खाली है. जिनमें एससी आयोग और अल्पसंख्यक आयोग का नाम शामिल है. इसके साथ ही आयोगों में सदस्यों के भी कई पद खाली हैं. इसके अलावा बाल आयोग के अध्यक्ष का कार्यकाल भी जल्द ही खत्म होने वाला है. ऐसे में संगठन ने क्षेत्रीय अध्यक्षों से पदाधिकारियों के पैनल का नाम मांगा था. जिन्हें जल्द ही सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने रखा जाएगा.


हर निगर, पालिका और पंचायत में होंगे मनोनीत
यूपी में 17 नगर निगम हैं. हर नगर निगम में 10-10 पार्षदों को मनोनीत किया जाएगा. इस लिहाज से ये संख्या 170 हुई. प्रदेश में नगर पालिकाओं की संख्या 200 है. इन नगर पालिकाओं में 5-5 सभासद मनोनीत किए जाएंगे. यानि 1000 सभासदों का मनोनयन होगा. वहीं नगर पंचायतों की संख्या 545 है. इनमें 3-3 सभासद मनोनीत किए जाएंगे. इनकी कुल संख्या 1635 होगी. इस लिहाज से सूबे में कुल 2805 पार्षदों को मनोनीत किया जाएगा.