Lucknow News: उत्तर प्रदेश में खाद की कमी की समस्या जल्द ही समाप्त हो जाएगी. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शनिवार को खाद की उपलब्धता को लेकर समीक्षा बैठक की. बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि अगले दो दिनों में प्रदेश में 8 हजार मीट्रिक टन खाद पहुंचने की संभावना है. विभिन्न स्थानों से 23 उर्वरक रैक उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो चुकी हैं.


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प्रदेश में पर्याप्त खाद उपलब्ध
मंत्री ने बताया कि प्रदेश में अभी भी ढाई लाख मीट्रिक टन से अधिक खाद उपलब्ध है. सहकारी समितियों के पास 52 हजार मीट्रिक टन और निजी केंद्रों पर लगभग 1.20 लाख मीट्रिक टन डीएपी मौजूद है. 1 से 15 नवंबर के बीच राज्य में 85 फास्फेटिक उर्वरकों की रैक भेजी गई थीं, जिनमें से 60 रैक पहले ही पहुंच चुकी हैं. इन रैकों के माध्यम से 1.75 लाख मीट्रिक टन डीएपी और 55 हजार मीट्रिक टन एनपीके प्राप्त हो चुका है. शेष 25 रैक जल्द ही प्रदेश में पहुंचेंगी. 


ऑनलाइन प्रणाली लागू करने पर जोर
दूसरी ओर, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने सड़कों और पुलों के एस्टीमेट को ऑनलाइन भेजने की व्यवस्था लागू करने पर जोर दिया है. पीडब्ल्यूडी मुख्यालय ने निर्देश दिया है कि सभी एस्टीमेट अब ई-ऑफिस के माध्यम से डिजिटल सिग्नेचर के साथ भेजे जाएं. 


पिछले तीन वर्षों से...
पिछले तीन वर्षों से ई-एस्टीमेटर प्रणाली की शुरुआत की गई थी, लेकिन इसे विभाग में पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका. अब शासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि अधिकारी इन नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. पहली बार गलती करने पर प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी और दूसरी बार इंक्रीमेंट रोकने जैसे सख्त कदम उठाए जाएंगे. पीडब्ल्यूडी विभागाध्यक्ष योगेश पंवार ने मुख्य अभियंताओं को पत्र लिखकर इस व्यवस्था का पालन सुनिश्चित करने को कहा है. यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और गड़बड़ियों को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है. 


सरकार का प्रयास  
कृषि मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी जिले में खाद की कमी न होने पाए. साथ ही, किसानों तक खाद की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं. खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करने और विकास कार्यों में पारदर्शिता लाने के ये प्रयास सरकार की प्राथमिकता को दर्शाते हैं. इससे किसानों को राहत मिलेगी और विभागीय कार्यप्रणाली में सुधार होगा.


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