लखनऊ: यूपी में बिजली दरों में बढोतरी होगी या कमी इसको लेकर जल्द फैसला हो सकता है. विद्युत नियामक आयोग में बिजली दरों के अंतिम रूप देने के लिए राज्य सलाहकार समिति की सोमवार को बैठक हुई. पावर कॉरपोरेशन ने बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा, जबकि विद्युत उपभोक्ता परिषद ने दरों में कमी की मांग की है. पावर कॉरपोरेशन ने बिजली रेट में इजाफा करने के लिए प्रस्ताव दिया है, जिसमें वित्तीय संकट और घाटे का जिक्र करते हुए 11,203 करोड़ रुपए के गैप के आधार पर दरों में बढ़ोतरी की मांग की है. अब गेंद नियामक आयोग के पाले में है, उसे फैसला लेना है कि बिजली दरें बढ़ेंगी या नहीं.


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उपभोक्ता परिषद का क्या कहना?
वहीं, विद्युत उपभोक्ता परिषद की ओर से बिजली दरों में कमी की मांग की गई है. परिषद ने बिजली कंपनियों पर फिजूल खर्ची के आरोप लगाते हुए कहा है कि कंपनियों के पास 33,122 करोड़ रुपए का बकाया है, जिसे लेकर वे बिजली दरों में वृद्धि की मांग कर रही हैं. साथ ही पावर कॉरपोरेशन में लैटरल एंट्री के माध्यम से लेखा विंग में सीधे बैंड -4 में ढाई से तीन लाख रुपए वेतन पर की गई सीधी भर्ती पर भी सवाल उठाया है. उनका कहना है कि यह भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है, इसमें अनावश्यक खर्चे किए जा रहे हैं।


बैठक में होगी चर्चा
राज्य सलाहकार समिति की बैठक में इन सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और बिजली दरों में वृद्धि या कमी पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. बैठक के बाद संभावित निर्णय और सिफारिशें विद्युत नियामक आयोग द्वारा सार्वजनिक की जाएंगी. बैठक के बाद यह साफ हो सकेगा कि बिजली दरों में कोई बदलाव होगा या नहीं. बैठक में उठाए गए बिंदुओं और अधिकारियों की प्रतिक्रिया के आधार पर, उपभोक्ताओं को उचित समाधान प्रदान करने की कोशिश की जाएगी.


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