UP Online Attendance News:  ऑनलाइन हाजिरी को लेकर शिक्षकों के विरोध के बीच प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा एमकेएस सुंदरम ने शिक्षकों से अपील की है. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन अटेंडेंस दें क्योंकि अब उन्हें आधे घंटे का अतिरिक्त समय दिया गया है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों के एक दो घंटे लेट आने से विद्यार्थियों के पहले दो पीरियड संचालित नहीं हो पाते. विद्यार्थियों का हित सबसे ऊपर है. इसलिए बच्चों की बेहतरी के लिए शिक्षकों असुविधा सहन करने की जरूरत है. प्राथमिक शिक्षा संघ और अन्य शैक्षणिक संगठनों का कहना है कि वो ऑनलाइन अटेंडेंस का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन उन्हें लेट होने पर हॉफ सीएल जैसी सहूलियतें दी जाएं. राज्य कर्मचारियों को तो अर्निंग लीव दी जाती है, लेकिन शिक्षकों को ये सुविधा भी नहीं दी जा रही है. बारिश, बाढ़ और खराब सड़कों के बीच स्कूल पहुंचना आसान नहीं है. रेलवे क्रॉसिंग और अन्य जगहों पर ट्रैफिक जाम के कारण भी शिक्षकों के स्कूल आने में देरी होती है. लिहाजा सरकार पर इस पर पहले ध्यान दे. सरकार ने 7.45 बजे से 15 मिनट की मोहलत पहले दी थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 8.30 बजे कर दिया था.


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अध्यापकों ने नहीं दी डिजिटल अटेंडेंस
उन्नाव में BSA की कार्यावाही के बावजूद शिक्षकों ने डिजिटल अटेंडेंस नहीं दी. हालांकि शिक्षक विद्यालयों में शिक्षण कार्य करते रहे. शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा BSA ने गलत कार्रवाई की है. हम इसके विरोध में हैं और लामबंद होकर बड़ा आंदोलन करेंगे. बता दें कि BSA ने सोमवार को डिजिटल अटेंडेंस ना देने वाले शिक्षकों का वेतन रोक दिया है.  प्रदेश सरकार ने सोमवार से सभी परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस अनिवार्य कर दी है. लेकिन शिक्षक और शिक्षक संगठन डिजिटल अटेंडेंस के विरोध में हैं. सोमवार को जब शिक्षकों ने डिजिटल अटेंडेंस नहीं दी तो BSAसंगीता सिंह ने डिजिटल अटेंडेंस ना देने वाले शिक्षकों का वेतन रोक दिया. वेतन रोकने के बाद अनुमान लगाया जा रहा था कि शिक्षक डिजिटल अटेंडेंस देंगे, लेकिन दूसरे दिन भी शिक्षकों ने डिजिटल अटेंडेंस नहीं दी साथ ही कहा कि वह अब और भी बड़ा आंदोलन करेंगे. 


बता दें कि 8 जुलाई, 2024 से उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के लिए डिजिटल हाजिरी अनिवार्य कर दी गई है. इस पहल का उद्देश्य शिक्षकों की उपस्थिति को ट्रैक करना और शिक्षा व्यवस्था में सुधार करना है.  हालांकि इस नए नियम को लेकर शिक्षकों के बीच विरोध प्रदर्शन जारी है. 


डिजिटल अटेंडेस का नियम और उद्देश्य क्या है. 


  1. शिक्षकों को सुबह स्कूल खुलने पर और शाम को स्कूल बंद होने पर अपनी फोटो एक मोबाइल ऐप के माध्यम से अपलोड करनी होगी.

  2. यह मोबाइल ऐप GPS का उपयोग करके शिक्षक की स्थिति को भी ट्रैक करेगा. 

  3. इस प्रणाली का उद्देश्य प्रॉक्सी शिक्षण को रोकना, शिक्षकों की जवाबदेही में सुधार करना और यह सुनिश्चित करना है कि वे समय पर स्कूल आएं और निकलें.