Yogi cabinet expansion: ओम प्रकाश राजभर का खत्म हुआ सात महीने का इंतजार, योगी सरकार को मिले 4 नए मंत्री
Yogi cabinet expansion: यूपी सरकार का बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार आज हो गया. ओमप्रकाश राजभर और दारा सिंह चौहान को मंत्री बनाया जा सकता है. भाजपा से सुनील शर्मा और रालोद से अनिल कुमार ने शपथ ली है.
Yogi cabinet expansion: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल का विस्तार मंगलवार को हो गया. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओम प्रकाश राजभर, रालोद के अनिल कुमार और बीजेपी कोटे से दारा सिंह चौहान और सुनील शर्मा को शपथ दिलाई.
राजभर समुदाय का वोट यूपी की 28 लोकसभा सीटों पर दिखाई देता है. बीजेपी के साथ करीब सात महीने राजभर की पार्टी शामिल हुई थी. तभी से अटकलें लगाई जा रही थीं कि यूपी में मंत्रिमंडल का विस्तार होगा और राजभर मंत्री बनेंगे. लेकिन घोसी विधानसभा उपचुनाव में दारा सिंह चौहान की हार के बाद मामला अटक कया. पूर्वांचल की 156 विधानसभा सीटों पर भी राजभर समुदाय का असर माना जाता है. राजभर लोनिया समुदाय से आते हैं, जिनकी आबादी यूपी में चार प्रतिशत है. दारा सिंह चौहान भी राजभर समुदाय से आते हैं, जिनकी यूपी में तीन फीसदी आबादी है. साहिबाबाद से विधायक सुनील कुमार शर्मा यूपी में 11 फीसदी आबादी वाले ब्राह्मण समुदाय से हैं. अनिल कुमार दलित जाटव समुदाय से हैं, जो राज्य की आबादी में करीब 20 फीसदी है.
रालोद के पुरकाजी से विधायक अनिल कुमार मंत्री बने हैं. वो तीन बार के विधायक हैं. यूपी में 20 फीसदी आबादी वाले दलित समुदाय से मंत्री बनाना लोकसभा चुनाव के पहले बड़ा संदेश देने वाला है.
योगी मंत्रिमंडल का विस्तार
सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार में पिछड़े और दलित चेहरों को तरजीह दी जा गई है. ओपी राजभर कैबिनेट मंत्री बने हैं. इसके अलावा बीजेपी से पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान को मंत्रिमंडल में लिया गया है. आरएलडी अनिल कुमार के अलावा सादाबाद से विधायक गुड्डू चौधरी का भी नाम चल रहा था. अनिल कुमार पहले सपा से जुड़े थे और सपा ने ही इन्हें आरएलडी के सिंबल से लड़वाया था.
रालोद से जाट चेहरे राजपाल बालियान की भी चर्चा थीहै. बालियान रालोद के विधानमंडल दल में नेता भी हैं. हालांकि वो मंत्री नहीं बन सके. रालोद से एमएलसी प्रत्याशी बनाए गए योगेश चौधरी का भी नाम चर्चा में था. सरकार में अभी 23 चेहरे अनारक्षित, 20 ओबीसी और 9 एससी-एसटी और एक मुस्लिम मंत्री हैं. विस्तार से ओबीसी व एससी-एसटी की भागीदारी और बढ़ेगी.
अनिल कुमार
अनिल कुमार ने पुरकाजी सुरक्षित सीट से रालोद के सिंबल पर पूर्व विधायक प्रमोद उटवाल को हराया था. अनिल चुनाव से पहले सपा में थे. लेकिन रालोद के सिंबल पर चुनाव लड़कर तीसरी बार विधायक चुने गए. । इससे पहले वह चरथावल सीट से बसपा के टिकट पर विधायक बने थे. 2012 के परिसीमन में पुरकाजी सीट बनी तो अनिल यहां से विधायक निर्वाचित हुए. पुरकाजी सुरक्षित सीट से विधायक अनिल कुमार मूल रूप से सहारनपुर के गांव तहारपुर के रहने वाले हैं। वर्तमान में वह शहर के अंकित विहार में रह रहे हैं।
राजपाल बालियान
वहीं, रालोद से विधायक राजपाल बालियान को कैबिनेट और प्रदीप गुड्डू को राज्यमंत्री बनाने की चर्चा भी जोरों पर है.
दारा सिंह चौहान
दारा सिंह चैहान पूर्वांचल के कद्दावर नेताओं में से एक हैं. पिछड़े समाज के एक बड़े नेता के तौर पर उनकी पहचान है. उन्होंने राजनीतिक कैरियर का आगाज बसपा से किया था. सबसे पहले बसपा ने 1996 में उन्हें राज्यसभा भेजा. हालांकि,कार्यकाल पूरा होते-होते वह सपा में शामिल हो गए. इसके बाद 2000 में वो सपा से राज्यसभा सदस्य बने. 1963 को आजमगढ़ में जन्मे दारा सिंह चौहान ने 10वीं तक की पढ़ाई की है. दारा सिंह चौहान की पिछड़े समाज में मजबूत पकड़ को बसपा, सपा और बीजेपी ने भुनाने की कोशिश की.
ओपी राजभर
राजभर ने अपनी चुनावी राजनीति बहुजन समाज पार्टी से शुरू की थी. 1990 के दशक में वे बसपा के संस्थापक कांशीराम के काफी नजदीक माने जाते थे. 1996 में राजभर ने सबसे पहले वाराणसी के कोलअसला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन हारे. 2001 में उन्होंने BSP छोड़ दी थी. बसपा से निकलने के बाद राजभर 'अपना दल' में शामिल हुए. अक्टूबर 2002 में राजभर ने अपनी पार्टी बनाने का फैसला किया. अस्तित्व में आई भारतीय समाज पार्टी. 2007 में पार्टी के रजिस्ट्रेशन के दौरान ‘भारतीय समाज पार्टी’ नाम चुनाव आयोग के पास खाली नहीं था. इसलिए पार्टी ने अपने नाम में सुहेलदेव जोड़ा. और तब से पार्टी का नाम ‘सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी’ यानी सुभासपा है.
राज्यपाल के आगरा-मथुरा दौरे से मंगलवार दोपहर तक वापसी होने के चलते शपथ ग्रहण समारोह शाम पांच बजे रखा गया था. शपथ समारोह राजभवन के गांधी सभागार में आयोजित किया गया. योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्रियों समेत 18 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 20 राज्य मंत्री अभी हैं. इस तरह मंत्रिमंडल के सदस्यों की कुल संख्या 52 है.
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