पावर ऑफ अटार्नी के नाम पर लाखों-करोड़ों की जायदाद हड़पने का खेल बंद, मकानों की रजिस्ट्री को लेकर सख्त हुई योगी सरकार
UP Power of Attorney: पावर ऑफ अटॉर्नी डीड के जरिए अब संपत्ति बेचने का अधिकार देने पर रजिस्ट्री (सेल डीड) की तरह बाजार मूल्य (सर्किल रेट) के अनुसार स्टांप ड्यूटी देनी होगी.
Power of Attorney: उत्तर प्रदेश में अब लोग 50 रुपये के स्टाम्प पेपर पर पावर ऑफ अटॉर्नी करवा कर जमीन का लेन-देन नहीं कर सकेंगे. सरकार ने मगंलवार को हुई कैबिनेट बैठक में इससे जुड़ा महत्वपूर्ण फैसला किया है. सरकार के फैसले के मुताबिक, अब पावर ऑफ अटॉर्नी के लिए भी रजिस्ट्री करानी पड़ेगी. इसके लिए ठीक रजिस्ट्री की तरह ही स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करना होगा.
हालांकि, इसमें फैमिली मेंबर्स को छूट दी गई है. अगर परिवार के सदस्य आपस में मुख्तारनामा करते हैं तो केवल 5000 रुपये शुल्क देना होगा. हालांकि, अगर पावर ऑफ अटॉर्नी में संपत्ति को बेचने का अधिकार देने जैसी बात नहीं है तो पहले की तरह 50 रुपये ही स्टांप ड्यूटी लगेगी.
परिवार में शामिल इन लोगों को मिलेगी छूट
सरकार के फैसले के अनुसार पावर ऑफ अटॉर्नी के मामले में परिवार के दायरे में माता-पिता, पति-पत्नी, बेटा-बेटी, बहू-दामाद, भाई-बहन, पौत्र-पौत्री, नाती-नातिन शामिल हैं. इनमें से किसी को भी पावर ऑफ अटॉर्नी के लिए प्रचलित दर पर स्टाम्प ड्यूटी नहीं देनी होगी.
स्टाम्प ड्यूटी की चोरी रोकने के लिए किया गया फैसला
उत्तर प्रदेश के स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने बताया कि पावर ऑफ अटॉर्नी का दुरुपयोग कर बड़े पैमाने पर स्टांप ड्यूटी की चोरी की जा रही थी. इसी चोरी को रोकने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है. उन्होंने बताया कि कई मामले में करोड़ों रुपये की जायदाद को पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए ही बेच दिया जाता है.
क्या है पावर ऑफ अटॉर्नी
इस प्रकिया के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी वजह से अपनी प्रॉपर्टी, बिजनेस, बैंकिग लेन-देन या कानूनी मामलों में सही निर्णय लेने में असमर्थ है, तो वह अपनी जगह किसी अन्य शख्स को अपने अधिकार दे सकता है. किसी अन्य व्यक्ति को जिस कानूनी प्रक्रिया के तहत अधिकार दिए जाते हैं, उसे पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी कहते हैं.
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