कन्हैया लाल शर्मा / मथुरा: उत्तरप्रदेश के वृंदावन से बेहद ही अजीब-गरीब मामला सामने आया है. जहां रंगजी मंदिर वृंदावन के महंत स्वामी आनंताचार्य अपनी ही एक शिष्या से ठगी का शिकार हो गए हैं. एक शिष्या पहले भक्ति दिखाकर विश्वास जीतती है और उनके  88 लाख रुपये लूटकर फरार हो जाती है. 30 साल की भक्ति और विश्वास पर धन का लालच भारी पड़ जाता है. गुरु को शिष्या से दक्षिणा तो नहीं मिलती, और दूसरों से मिली दक्षिणा भी शिष्या लेकर रफू-चक्कर हो जाती है. 


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क्या है मामला
स्वामी अनंताचार्य ने बताया कि गुजरात की रहने वाली दमयंती बेन पटेल धोखे से उनके ट्रस्ट के 88 लाख रुपये लेकर भाग गई है. स्वामी अनंताचार्य और दमयंती बेन के नाम से जोइंट एफडी थी. लगभग 88 लाख रुपये इमरजेंसी फंड के रूप में जमा थे. विश्वास करके महंत ने कई अहम जिम्मेदारियां उसे सौंप रखी थीं. कृष्ण भक्ति प्रचारक संघ के संबंध के सभी निर्णय उसी के द्वारा लिए जा रहे थे. उसने चालाकी से ट्रस्ट के दस्तावेज हासिल किए और इसके बाद उस 88 लाख रुपये के फंड को महंत को सूचित किए बिना ही दमयंती बेन निकाल कर ले गई.


1992 में हुई थी मुलाकात
महंत की मुलाकात उससे 1992 में एक कथा के दौरान हुई थी. जो कथा महिला ने अपने घर पर ही कराई थी. महिला की भक्ति को देखकर महंत को उस पर पूरा विश्वास हो चुका था. विश्वास हासिल करने के बाद महिला को कृष्ण भक्ति प्रचारक संघ की जिम्मेदारी मिल गई थी.


बैंक मैनेजर की मिली भगत होने की भी आशंका
महंत स्वामी आनंताचार्य ने घटना में बैंक मैनेजर की मिली भगत होने की भी आशंका व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि मुझे बैंक ने इसके बारे में पहले जानकारी नहीं दी .


महंत ने दर्ज कराई FIR
महंत स्वामी आनंताचार्य ने वृंदावन कोतवाली में FIR दर्ज कराई है. महंत की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है. पुलिस अब मामले की जांच में जुटी चुकी है.


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