लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर एसपी-बीएसपी ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है . समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और बीएसपी अध्यक्ष मायावती लोकसभा चुनाव प्रचार की शुरुआत नवरात्रि से करेंगे. यूपी में एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन की पहली संयुक्त रैली 7 अप्रैल को सहारनपुर के देवबंद में होगी . सहारनपुर मुस्लिम बाहुल्य इलाका है और देवबंद अपने फतवों को लेकर सुर्खियों में रहता है.


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7 अप्रैल को देवबंद में होने वाली इस संयुक्त रैली में अखिलेश-मायावती के साथ साथ राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह भी मौजूद रहेंगे . अजित सिंह मुज़फ्फरनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर रहे हैं .


नवरात्रि में प्रचार शुरू करने के पीछे की वजह!
हालांकि नवरात्रि में सहारनपुर में से चुनाव प्रचार की शुरुआत करने के पीछे एसपी-बीएसपी की खास रणनीति भी है. दरअसल एसपी-बीएसपी हिंदुओं में यह मैसेज देना चाहते हैं कि हम पवित्र त्योहार में कैंपेन की शुरुआत कर रहे हैं. इसका एक कारण जाट वोट बैंक भी है . एसपी-बीएसपी और आरएलडी यह चाहते हैं कि इस बार जाट-मुस्लिम साथ साथ आएं.


 



मुस्लिम दलित वोट बैंक पर नजर
दरअसल अखिलेश और मायावती ने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत सहारनपुर से करने की प्लानिंग इसलिए की ताकि मुस्लिम और दलित वोट बैंक को संदेश दिया जा सके. सहारनपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के विवादित नेता इमरान मसूद भी चुनाव लड़ रहे हैं . कांग्रेस के पास मुस्लिम वोट बैंक ना जाए, इसलिए एसपी-बीएसपी की पहली रैली सहारनपुर के देवबंद में की जा रही है.


पश्चिमी यूपी को ध्रुवीकरण की प्रयोगशाला माना जाता है. पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में पश्चिमी यूपी की सभी सीटों पर बीजेपी की जीत हुई थी. हालांकि 2014 के चुनाव में एसपी-बीएसपी अलग अलग चुनाव लड़े थे. पश्चिमी यूपी की सीटों पर एसपी-बीएसपी अपने प्रत्याशियों की घोषणा जल्द कर सकती है. सूत्र बता रहे हैं कि आरएलडी महासचिव जयंत चौधरी इस बार बागपत से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.