Kanwar Yatra 2023: सावन का महीना सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दौरान भगवान शिव की पूजा आराधना कर उनसे आशीर्वाद लेने के लिए करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार सहित चार धाम पहुंचते हैं. सावन का महीना भगवान शिव को सबसे अधिक प्रिय है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल 2023 का श्रावण मास बेहद खास माना जा रहा है, क्योंकि इस बार सावन का महीना 30 नहीं बल्कि 59 दिनों का रहेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि हिंदू पंचांग विक्रम संवत 2050 के अनुसार इस साल अधिक मास पड़ रहा है जिसमें पूरे 13 महीने होगें. माना जा रहा है कि 19 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है कि जब सावन का महीना पूरे 59 दिनों का रहेगा. इसको लेकर देवभूमि उत्तराखंड सहित सात राज्यों उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के पुलिस अधिकारियों और आईबी व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों की बैठक हुई.


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4 जुलाई से 15 जुलाई तक कांवड़
आपको बता ने इस चार जुलाई से लेकर 15 जुलाई तक कांवड़ यात्रा आयोजन होना है. इस साल लगभग 4 से 5 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है इसको लेकर पुलिस प्रशासन ने कांवड़ मेला क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 32 जोन और 130 सेक्टरों में बांटा है. कांवड़ यात्रा को सुरक्षित और किसी श्रद्धालु को परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए पुलिस प्रशासन ने कुछ अहम फैसलों पर बात हुई. 


पहचानपत्र अनिवार्य
कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तराखंड सहित सात राज्यों की बैठक में ये तय हुआ कि हर श्रद्धालु को अपना पहचान पत्र लाना अनिवार्य होगा. आपको बता दें कि यह 18वीं अंतरराज्यीय व अंतरइकाई समन्वय बैठक थी. बैठक की शुरुआत में एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह ने भीड़ संभालने के प्रबंधन को लेकर सुझाव दिया. बैठक में उन्होंने बताया कि पिहले कुछ सालों में कांवड़ यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालु कांवड़ लेने आ रहे हैं. इसको लेकर यातायात पर भारी ध्यान दिया जाएगा.


डीजे पर हुआ ये तय
इस साल सावन के महीने में चार करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया जा रहा है. इसको लेकर यात्रियों की सुरक्षा के लिए कड़े प्रबंध किए जाएंगे साथ ही कांवड़ यात्रा की व्यवस्था में लगे सभी नोडल अफसरों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा. बैठक में डीजे को प्रतिबंधित नहीं किया गया है, बल्कि डीजे की ध्वनि नियंत्रित रहे इसका ध्यान रखा जाएगा.


सीसीटीवी और पैरामिलिट्री फोर्स करेगी निगरानी
डीजीपी कुमार ने की सुरक्षा को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि इस बार सभी की सुरक्षा आधुनिक तकनीक के जरिये की जाएगी, इसके लिए सभी कैमरों को गूगल मैप के माध्यम से जोड़ा गया है. साथ ही उन्होंने इस मामले में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखंड पुलिस के 500 सीसीटीवी (CCTV) कैमरे लगे हुए हैं जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस के लगभग 1000 कैमरे सुरक्षा के लिए लगे हुए हैं उन्होंने बताया कि 333 सीसीटीवी कैमरे केवल हरिद्वार के मेला क्षेत्र में लगे हुए हैं. कैमरे के अलावा हरिद्वार क्षेत्र में पांच हजार से अधिक पुलिसकर्मी और अधिकारी तैनात रहेंगे पूरे यात्रा मार्ग की बात करें तो, करीब 7 हजार पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे, सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करते हुए इस बार 12 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स केंद्र से मांग की गई है. इसके अलावा तीन टीमें बम डिस्पोजल स्काड और वान दलों की मांगी गई हैं,