मेरठ :  उत्तर प्रदेश के मेरठ में ऐतिहासिक मौचंदी मेला शुरू होने वाला है. लोग इस मेले का बेसब्री से इंतजार कर रहे है जिसका इंतजार अब खत्म होने वाला है क्योंकि यह मेला जून के अंतिम सप्ताह तक लग सकता है. मेरठ प्रशासन ने नौचंदी मेले को लेकर भव्य तैयारियां शुरू कर दी है. यह मेला अपने आप में विशाल स्वरूप में देखने को मिलेगा. जिस तहर से इस मेले की पहचान विश्व भर में होती है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

डीएम ने जताई नाराजगी
ऐतिहासिक नौचंदी मेला इस बार लोकसभा चुनाव के कारण देर से शुरू हो रहा है. अब 18 जून से इसकी विधिवत शुरुआत हो जाएगी. इसी को लेकर डीएम दीपक मीणा, सीडीओ नूपुर गोयल के साथ निरीक्षण करने पहुंचे थे. इस दौरान ज्यादातर तैयारियां अधूरी मिलने के कारण डीएम ने नाराजगी जताई और कहा कि समय कम है इसलिए जल्द से जल्द काम पूरा किया जाए.


जिला पंचायत की एएमए ने क्या कहा
जिला पंचायत की एएमए भारती धामा ने बताया कि मेले की तैयारियों को अब अंतिम  रूप दिया जा रहा है.  टेंडर से संबंधित कार्य प्रणाली अंतिम दौर में चल रही है. जिससे की ऐतिहासिक नौचंदी मेले का भव्य तरीके से आयोजम किया जा सके. उन्होंने बताया कि पटेल मंडप में आयोजित होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम भी लगभग फाइनल हो गए हैं. जिसमें संभावना है कि अबकी बार फिल्मी सिंगर अल्ताफ राजा और मशहूर लोक गायिका मैथिली ठाकुर पटेल मंडप में परफॉर्म करती हुई नजर आ सकती है. इसको लेकर बातचीत का दौर चल रहा है. उन्होंने बताया कि 25 जून तक मेले का शुभारंभ कर दिया जाएगा.


सुरक्षा व्यवस्था पर भी पूरा ध्यान
ऐतिहासिक नौचंदी मेला शुरू से ही मेरठ की एक अलग पहचान रहा है. मेले में दूर-दूर से लोग आते हैं. ज्यादा लोगों के आने से यहां पर बड़ी पार्किंग भी छोटी पड़ जाती है. डीएम ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को पार्किंग की व्यवस्था बेहतर करने के निर्देश दिए हैं. साथ में डीएम ने कहा है कि मेले की भव्यता में भी कोई कमी नहीं रहनी चाहिए.


ग्राउंड में दिखेगी नौचंदी की झलक
ग्राउंड की अगर बात की जाए. तो वहां अब दुकानों का लगना शुरू हो गया है. मेले परिसर में ही स्थित दुर्गा मंदिर में झूले भी लगा दिए गए हैं. साथ ही अबकी बार नौचंदी मेले में आने वाले मेला प्रेमियों को धूल का सामना नहीं करना पड़ेगा. मेला परिसर को अबकी बार पूरी तरीके से इंटरलॉकिंग कर दिया गया है. जिससे की आंधी बारिश के बीच भी मेला प्रेमियों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो.


उद्घाटन की परंपरा
मेरठ के इस ऐतिहासिक मेले के उद्घाटन की परंपरा भी अपने आप में बहुत अनोखी है. सैकड़ों सालों से मेले का उद्घाटन होली के बाद आने वाले दूसरे रविवार के दिन होता है. उद्घाटन के एक महीने बाद से फिर मेला भरना शुरू हो जाता है. हर बार की तरह इस बार भी होली के बाद दूसरे रविवार को दिन मेले का उद्घाटन हुआ था. लेकिन, चुनाव के समय आचार संहिता लागू होने की वजह से इस मेले में कई महीनों का विलंब हो गया. मेले को खास हिंदू-मुस्लिम की एकता की भावना बनाती है. क्योंकि मेले में जहां एक तरफ लोग मां चंडी देवी की पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करते हैं. तो वहीं मुस्लिम समाजद के लोग वाले मियां की मजार पर चादर चढ़ाते हुए भी नजर आते हैं.