वाह रे! मनरेगा का पैसा हड़पने के लिए कागजों में मजदूर बन गया ग्राम प्रधान
खिर्सू ब्लॉक की ग्राम सभा पोखरी में एक पूर्व प्रधान नरेंद्र मंगमाई ने अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार को अंजाम देने में कोई कसर नहीं छोड़ी. पूर्व प्रधान अपने कार्यकाल में मनरेगा का फंड हड़पने के लिए मनरेगा कागजो में मजदूर तक बन गया.
कपिल पंवार/पौड़ी: यूं तो अक्सर ग्राम प्रधानों पर विकास कार्यों के लिहाज से आए पैसे का दुरुपयोग करने के आरोप लगते हैं. लेकिन ताजा मामला तो और भी चौकाने वाला है. दरअसल, भ्रष्टाचार के खेल में एक प्रधान कागजों में मजदूर बनकर सरकरी पैसा हड़पता रहा.
मनरेगा का पैसा हड़पने के लिए प्रधान बना मजदूर
उत्तराखंड के पौड़ी जिले में एक प्रधान के भ्रष्टाचार की पोल खुली है. मामला खिर्सू ब्लॉक का है जहां पिछले 5 सालों में हुई गड़बड़ी की पोल अब खुलने लगी है. इस ब्लॉक में जनप्रतिनिधि आखिर किस तरह से मनरेगा का फंड हड़पने के लिए जाल बुनते हैं, इसका खुलासा एक आरटीआई के जरिये हुआ है. दरअसल, खिर्सू ब्लॉक की ग्राम सभा पोखरी में एक पूर्व प्रधान नरेंद्र मंगमाई ने अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार को अंजाम देने में कोई कसर नहीं छोड़ी. पूर्व प्रधान अपने कार्यकाल में मनरेगा का फंड हड़पने के लिए मनरेगा कागजो में मजदूर तक बन गया.
पैसा हड़पने के लिए अपनाए तरह-तरह के हथकंडे
पंचायती राज अधिनियम के तहत कोई भी प्रधान स्वयं मजदूरी नही कर सकता है. इतना ही नहीं पूर्व प्रधान ने अपने चहेतों को भी मनरेगा फंड का लाभ दिलवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, इसके साथ ही जो कि मनरेगा के पात्र थे उन्हें एक ही दिन में एक से अधिक कार्य दर्शा कर इस फंड को हड़प गये. वहीं, दिव्यांग व्यक्तियों के साथ ही साथ गांव से बाहर रह रहे प्रवासियों को भी मनरेगा कार्यो में दर्शया गया.
कमेटी की जांच में खुली पोल
आरटीआई से हुए इस खुलासा हुआ था. इसके बाद इस मामले की जांच के लिए मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में बनी कमेटी बनाई गई थी. जिसमें सच्चाई सामने आई. प्रशासन ने प्रधान पर उचित कार्रवाई का मन बना लिया है. जिला पंचायत राज अधिकारी ने बताया कि इससे पहले भी प्रधानों के पूर्व कार्यकाल में तरह तरह की गड़बड़ी सामने आ रही है. वहीं, पोखरी ग्रामसभा में हुए भ्रष्टाचार की जांच सही पाई गई और अब पूर्व प्रधान पर उचित कार्रवाई अमल में लाई जा रही है.
WATCH LIVE TV