गाजीपुर: बिजली विभाग में हालात आजकल कुछ ठीक नहीं चल रहा है. सरकार ने आउट सोर्स कर प्राइवेट कंपनियों पर विभागीय अधिकारियों के मिलीभगत से भुगतान लेकर कई सौ करोड़ों के वेतन और ईपीएफ का बकाया लगाकर दो कंपनियां भाग गई हैं और अब विभाग तीसरी कंपनी को काम कराने के लिए अधिकृत कर के मीटर रीडर्स पर बिना पुराने भुगतान को दिए काम करने का दबाव बना रहा है, जिसके बाद मीटर रीडरों के सब्र का बांध टूट गया है और गाजीपुर के अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन  शुरू कर दिया है.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विद्युत मजदूर पंचायत
विद्युत मजदूर पंचायत के जिला संरक्षक शिवदर्शन सिंह के नेतृत्व में विद्युत विभाग में संविदा पर कार्य कर रहे है. जिले के समस्त मीटर रीडरो ने अधीक्षण अभियंता बृजेश कुमार का घेराव किया. वहीं जिला संरक्षक शिवदर्शन सिंह ने कहा की मेसर्स स्टर्लिंग टेक्नोलोजी एंड सर्विसेज पिछले  नवंबर 2021 से बिलिंग का कार्य गाजीपुर सहित पूरे पूर्वांचल में करवाने का कार्य कर रही थी, जिसमे पिछले 4 महीने का वेतन और 32 महीने के ईपीएफ को लेकर कंपनी भग गई है. स्टर्लिंग कंपनी विद्युत विभाग में जीएसटी तक जमा नहीं कप पाई जिसको लेकर जिले के समस्त मीटर रीडरों में काफी आक्रोश है. वहीं जब तक इन लोगों का बकाया वेतन और बकाया ईपीएफ नही मिल जाता तब तक रीडिंग का कार्य कोई नही करेगा. 


मीटर रीडर सुनील यादव 
वहीं मीटर रीडर सुनील यादव ने बताया कि स्टर्लिंग कंपनी से पहले एनसॉफ्ट कंपनी आई थी जो एनसॉफ्ट कंपनी ने भी लगभग 400 मीटर रीडरों का 15-15 हजार की डीडी लेकर भाग गई. वहीं दो महीने का वेतन भी विभागीय डिस्कॉम के अधिकारियों की मिली भगत से मोटा कमीशन चीफ इंजीनियर,कमर्शियल डायरेक्टर, एमडी को देकर भाग गई . वहीं मीटर रीडर सत्यपाल सिंह ने डिस्कॉम ऑफिस वाराणसी के मुख्य अभियंता मुकेश गर्ग और एक्शियन कमर्शियल अजय सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि इन दोनों की मिली भगत से मेसर्स स्टर्लिंग कंपनी से मिलकर 15 करोड़ो का घोटाला किया गया है, और स्टर्लिंग कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करके चुपी मारकर बैठ गए है. 


एफआईआर करने का दबाव
मुख्य अभियंता मुकेश गर्ग द्वारा मीटर रीडरों से कंपनी के ऊपर एफआईआर करने का दबाव बनाया जा रहा है जो बिल्कुल गलत है. मलाई खाए उच्चाधिकारी और भीख मांगकर एफआईआर करें मीटर रीडर. वहीं आगे उन्होंने मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ एवं ऊर्जा मंत्री एक के. शर्मा से इन लोगों की संपत्ति के साथ ही साथ स्वैप आईडी एवं विभागीय उच्चस्तरीय जांच करानी चाहिए. जांच करना आवश्यक है ताकि सरकार की जीरो टारलेंस की नीति पर कोई सवाल ना खड़ा हो. ये गंभीर मामला है, अगर उच्चस्तरीय जांच होती है तो वाराणसी डिस्कॉम के बहुत सारे रसूख अधिकारियों एवं बाबुओं पर गाज गिर सकती है.


4 महीने का वेतन 
वहीं नई कंपनी एक्सप्लोटेल बिलिंग कराने गाजीपुर सर्किल ऑफिस आई हुई थी जिसमे पुरानी कंपनी से भी कम रेट पर बिलिंग करवाना चाहते थे, जिसमे जिले के मीटर रीडर तैयार नहीं हुए. वहीं पहले डूबा हुआ 4 महीने का वेतन और 32 महीने का बकाया ईपीएफ विभाग दे तब बिलिंग किया जाएगा. घेराव में जिले के समस्त मीटर रीडर एवम विभागीय कर्मचारी भी मौजूद रहे.