देहरादून: 23 सितंबर से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है, जिसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने रविवार को राज्यपाल से मुलाकात की. करीब 1 घंटे तक चली मुलाकात में विधानसभा के मानसून सत्र की विभिन्न संसदीय कार्यवाही के बारे में चर्चा की गई. विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि विशेष परिस्थितियों में विधानसभा के मानसून सत्र का आयोजन किया जा रहा है. जिस तरह से देश और प्रदेश में लगातार कोरोना के मरीजों की तादाद बढ़ रही है, ऐसे में कई मानकों के बीच विधानसभा सत्र का आयोजन किया जाएगा.


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सत्र के संचालन के लिए हो रहे हैं ये इंतजाम
प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि विधानसभा सत्र के दौरान किस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग को बनाया जा सकता है, कैसे सभी विधायकों की कोरोना वायरस जांच कराई जा सकती है, इन तमाम महत्वपूर्ण बिंदुओं पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से चर्चा की गई. उनका कहना है कि प्रदेश में 12 ऐसे विधायक हैं जिनकी उम्र 60 साल से ऊपर है. ऐसे विधायकों को विधानसभा सत्र से वर्चुअली जोड़े जाने पर चर्चा की गई है. विधानसभा के मंडप में सभी सदस्यों के बैठने के लिए भी इंतजाम किया जा रहा है.


दरअसल उत्तराखंड में 70 विधायक हैं, जिनके बैठने के लिए जो अभी तक का मापदंड है, उसके मुताबिक कोरोना वायरस के मापदंड मेल नहीं खाते. ऐसे में अब विधानसभा में अधिकारियों के कक्ष से लेकर मीडिया के कक्ष तक अलग-अलग स्थानों पर सभी विधायकों को बैठाने के इंतजाम करने की भी बात हो रही है. इससे विधानसभा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहेगी. कुछ युवा विधायकों को भी वर्चुअल विधानसभा सत्र में जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. 


6 महीने में एक बार सत्र होना जरूरी
23-25 सितंबर तक विधानसभा सत्र का आयोजन किया जाएगा. कार्य प्रणाली के मुताबिक विधानसभा का सत्र 6 महीने में एक बार होना चाहिए. ऐसे में सभा के सत्र को बुलाना संसदीय कार्य प्रणाली के मुताबिक जरूरी है. 


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