आकाश शर्मा/मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में 12वीं पास शख्स द्वारा मरीजों की जान से खिलवाड़ करने का बड़ा मामला सामने आया है. वो डॉक्टर की गैरमौजूदगी में मरीजों को धड़ाधड़ दवाइयां लिख रहा था. आरोपों के मुताबिक, गलत इलाज और इंजेक्शन की वजह से एक बच्ची की मौत भी हो गई. IGRS पोर्टल पर शिकायत के बाद छापेमारी की गई तो उसे रंगेहाथों पकड़ा गया. मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ मुरादाबाद में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ये बड़ी कार्रवाई की.


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स्वास्थ्य विभाग की टीम को झोलाछाप डॉक्टर के क्लिनिक में ओपीडी चलती मिली. इसमें 12वीं क्लास पास चंद्रभान नाम का व्यक्ति मरीजों को दवाइयां लिख इलाज करता मिला. उसके पास से स्वास्थ्य विभाग की टीम को 400 से 500 पर्चे भी मिले. उन पर नाथ क्लिनिक लिखा था. ये सभी वो पर्चे थे, जिन मरीजों को वो 12वीं पास डॉक्टर देख कर दवाएं दे चुका था. एसीएमओ संजीव बैनवाल की माने तो पूछताछ करने पर और चौंकाने वाली बात सामने आई. चंद्रभान किसी दूसरे की डॉक्टर की अनुपस्थिति में वहां बैठा था. जिस डॉक्टर महावीर का ये क्लिनिक था, वो बीमारी के चलते  पिछले 20 दिनो से दिल्ली मे भर्ती है. जांच के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम को भारी मात्रा में क्लिनिक से बिना नाम और एक्सपायरी डेट लिखी दवाइयां और इंजेक्शन भी मिले, जिनको टीम द्वारा सीज कर दिया गया. 


स्वास्थ्य विभाग का नेतृत्व कर रहे एसीएमओ संजीव बेनवाल की तरफ से बिलारी थाना में 12वीं पास डॉक्टर चंद्रभान और उस क्लिनिक स्वामी महावीर के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट 1956 की धारा 15(2), 15(3) में मुकदमा दर्ज कराया गया है.


पीड़ित का कहना है कि उसकी भांजी की तबियत खराब थी. वो उसे महावीर नाम के डॉक्टर के क्लिनिक पर दवाई दिलाने ले गए. जहां इलाज के नाम पर उसकी भांजी को गलत दवाई और इंजेक्शन दिया गया. इससे उसकी मौत हो गई. प्रार्थी ने शिकायत में ये भी बताया कि पुलिस ने उसका पोस्मार्टम कराया, लेकिन किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद शिकायत पर हरकत में आई टीम ने कार्यवाही करते हुए निरीक्षण किया और मुकदमा भी दर्ज कराया.


मुरादाबाद के स्वास्थ्य विभाग एसीएमओ संजीव बेनवाल का कहना है कि शिकायत के बाद क्लिनिक में निरीक्षण किया गया. वहां नाथ क्लिनिक के नाम से पैड हमको प्राप्त हुए. चंद्रभान नाम का शख्स मरीजों को दवाइयां लिखते हुए मिला. उसने बताया कि ये डॉ. महावीर का क्लिनिक है. उसने बताया कि महावीर पिछले 20 दिनो से दिल्ली में भर्ती हैं. उनकी अनुपस्थिति में वो खुद दवाइयां लिख रहा है. उसने माना कि ये पर्चियों पर जो दवाइयां लिखी गई हैं, वो उसने ही लिखी हैं.  वहां जितनी भी 400-500 पर्चियां थीं. उन सबको सीज करके जमा करा दिया गया है. साथ ही कुछ ऐसी एंटीबायोटिक भी मिलीं, जो एंटीबायोटिक पॉलिसी के तहत इस्तेमाल यूज नहीं की जा रही थीं.


अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजीव बेनवाल ने कहा कि लोग इलाज कराने से पहले पता कर लें कि चिकित्सक प्रशिक्षित हैं भी या नहीं. झोलाछाप से कोई इलाज न कराए क्योंकि उनको कोई अनुभव नहीं होता. 


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