UP Byelection 2024: क्या कुंदरकी में BJP दोहराएगी रामपुर की कामयाबी, विपक्ष के चार उम्मीदवार मुस्लिम होने से जगी उम्मीद
Kundarki Bypolls 2024: कुंदरकी सीट को सपा का गढ़ कहा जाता है, भाजपा इस बार कमल खिलाने के लिए पूरी ताकत लगाए है. कुल 12 उम्मीदवारों ने चुनावी मैदान में है. बीजेपी ने यहां से रामवीर सिंह, सपा ने हाजी मोहम्मद रिजवान और बसपा ने रफतउल्ला को उतारा है.
Kundarki By-election 2024: यूपी की जिन 9 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें कुंदरकी भी एक है. इस सीट को सपा का गढ़ कहा जाता है, ऐसे में भाजपा इस बार कमल खिलाने के लिए पूरी ताकत लगाए है. बीजेपी, सपा और बसपा समेत कुल 12 उम्मीदवारों ने चुनावी मैदान में है. बीजेपी ने यहां से रामवीर सिंह, सपा ने हाजी मोहम्मद रिजवान और बसपा ने रफतउल्ला को उतारा है.
सीट के समीकरण
मतदाताओं की बात करें तो इस सीट पर कुल 3,95,375 मतदाता है. जिनमें 1,56,000 हिंदू मतदाता और 2,39,375 मुस्लिम वोटर हैं. यानी विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम वोटर 65 फीसदी हैं. मुस्लिम मतदाता का जिस ओर झुकाव होता है उसकी जीत पक्की मानी जाती है. यही नहीं. मुस्लिम मतदाताओं में 80 हजार के करीब तुर्क बिरादरी के मतदाता हैं. जिनको साधना हर पार्टी की प्राथमिकता रहती है.
'तुर्क' प्रत्याशी बिगाड़ेंगे खेल?
आजाद समाज पार्टी और AIMIM पूरी ताकत से चुनाव लड़ती है तो मुस्लिम वोटों का बंटवारा हो सकता है. जिसका फायदा भाजपा को मिल सकता है. इस सीट पर कुल 12 प्रत्याशी हैं, जिनमें बीजेपी को छोड़ बाकी सभी पार्टियों के प्रत्याशी मुस्लिम है जबकि चार मुख्य दलों के तुर्क प्रत्याशी हैं. कहीं ना कहीं बीजेपी को इसका फायदा जरूर पहुंच सकता है.
क्या बीजेपी को मिलेगा फायदा?
इससे पहले भी इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी ठाकुर रामवीर सिंह को मुस्लिम वोट मिले हैं और अगर वोट बंटे तो सीधा फायदा बीजेपी को होता दिखाई दे सकता है. AIMIM ने तुर्क बिरादरी के हाफिज वारिस को टिकट दिया है. वह पूर्व मे भी चुनाव लड़ 14 हजार से अधिक वोट हासिल कर चुके हैं.
कौन हैं बीजेपी प्रत्याशी रामवीर सिंह?
भाजपा ने ठाकुर रामवीर सिंह को चौथी बार प्रत्याशी बनाया गया है. पिछले तीन चुनाव में वह जीत का स्वाद नहीं चख सके लेकिन हार के बाद भी क्षेत्र की जनता के बीच बने रहे, रामवीर ठाकुर बिरादरी से आते हैं और मुस्लिम मतदाताओं में उनकी पकड़ अच्छी मानी जाती है. इसलिए भाजपा ने चौथी बार उनपर भरोसा जताया है, इससे 2007 मे ठाकुर रामवीर सिंह मुरादाबाद देहात, 2012 ओर 2017 मे कुंदरकी से ही चुनाव लड़े हैं.
सपा से हाजी रिजवान मैदान में?
कुंदरकी सीट पर सपा ने सबसे मजबूत दावेदार और कई बार के विधायक रहे हाजी रिजवान को मैदान मे उतारा है. उनका राजनितिक करियर 40 साल का है. 2002, 2012 और 2017 मे कुंदरकी सीट से ही सपा के टिकट पर जीत दर्ज की है, हालांकि हाजी रिजवान 2007 मे बसपा प्रत्याशी हाजी अकबर से चुनाव हार गए थे. 2012 और 2017 में जीत के बाद भी सपा ने टिकट नहीं दिया गया.
बसपा का थामा था दामन
इस सीट से संभल के पूर्व सांसद शफीक़ुर रहमान बर्क के पोते मौजूदा संभल सांसद जियाउर रहमान बर्क को टिकट दिया तो हाजी रिजवान ने बसपा का दामन थाम लिया था. लेकिन इस बार भी उनको हार का सामना करना पड़ा. हाजी रिजवान 5 बार चुनाव लड़े. जिसमें उन्होंने 3 बार जीत हासिल की और फिर इस बार सपा ने उनपर अपना भरोसा जताकर मैदान मे उतारा है.
बसपा ने रफतउल्ला को बनाया प्रत्याशी
कुंदरकी उपचुनाव मे बसपा भी पीछे नहीं है. इस सीट पर बसपा से विधायक भी रहे हैं, जिसके चलते बसपा ने भी दावेदारी मजबूत कर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. यहां से पहले भी कई बार प्रत्याशी रहे हाजी रफतउल्ला उर्फ़ नेता छिददा को प्रत्याशी बनाया है. रफतउल्ला पूर्व से क्षेत्र से जुड़े रहे हैं, जिसको लेकर बसपा ने भी अपनी उपचुनाव को जीत को लेकर तैयारी करने की ठान ली है.
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