UP NEWS : पीएम विश्वकर्मा योजना को लगे पंख, यूपी में 18 ट्रेड्स में आए 70 हजार से ज्यादा आवेदन
लखनऊ : सीएम योगी के प्रयासों से अब तक सभी 18 ट्रेड्स में करीब 76 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं.
लखनऊ : पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक विश्वकर्मा योजना यूपी में भी रंग लाने लगी है. यूपी में सीएम योगी के प्रयासों से अब तक सभी 18 ट्रेड्स में करीब 76 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं. योगी सरकार के निर्देश पर कई जोन में पहले चरण का सत्यापन कार्य जारी है. सत्यापन पूर्ण होने के बाद सभी चयनित विश्वकर्मा की ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी. उन्हें ई वाउचर के रूप में टूलकिट खरीद के लिए 15 हजार रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही बैंक के माध्यम से उन्हें लोन दिलाने की दिशा में भी कदम आगे बढ़ाया जाएगा.
76 हजार आवेदन
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत प्रदेश सरकार को सभी ट्रेड में कुल मिलाकर 76 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें सर्वाधिक 42 हजार से अधिक आवेदन दर्जी ट्रेड में प्राप्त हुए हैं. इसी तरह मिस्त्री ट्रेड में करीब 9000, बढ़ई ट्रेड में करीब 7 हजार, लोहार ट्रेड में करीब 4 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं, और भी अन्य आवेदन प्राप्त हुए हैं. इन सभी ट्रेड में मिले आवेदनों का सत्यापन कार्य जारी है और सत्यापन पूर्ण होने पर इन्हें कौशल विकास से जोड़ा जाएगा, इसके बाद इनकी आर्थिक सहायता कर इन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए कार्य किया जाएगा.
लाभार्थी 2 लाख रुपए
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत लाभ लेने की जो प्रक्रिया निर्धारित की गई है, उसके अनुसार सबसे पहले लाभार्थी को आवेदन करना होगा. लाभार्थी को पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड मिलेगा. चुनिंदा लोगों को 15 दिन या इससे अधिक की एडवांस स्किल ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा. साथ ही एक लाख रुपए के प्रारंभिक वित्त अंश के लिए आवेदन की जानकारी को बैंक से साझा किया जाएगा. क्रेडिट रिपोर्ट देखने के बाद बैंक लाभार्थी को एक लाख रुपए का लोन प्रदान करेंगे. डिजिटल ट्रांजेक्शन के जरिए लोन चुकाने वाले और 15 दिन की एडवांस ट्रेनिंग लेने वाले लाभार्थी 2 लाख रुपए के दूसरे लोन के लिए आवेदन करने के योग्य होंगे.
लाभार्थियों को क्यूआर कोड
लोन के डिजिटल पेमेंट के लिए भी प्रदेश सरकार लाभार्थियों को प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए डिजिटल लेनदेन को सक्षम बनाने के लिए डिजिटल भुगतान एग्रीगेटर्स को विवरण दिया जाएगा. लाभार्थियों को क्यूआर कोड और यूपीआई प्रोवाइड कराया जाएगा. सरकार ने इस योजना के क्वालिटी सर्टिफिकेशन, ब्रांडिंग, एडवरटाइजिंग, पब्लिसिटी और दूसरी मार्केटिंग पहलों के लिए 250 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है.
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