Muhurat Trading 2024: देश में इस समय हर जगह दिवाली को लेकर लोगों में उत्साह का माहौल है. ऐसे में शेयर बाजार भी इससे अछूता कैसे रह सकता है. शेयर बाजार में दिवाली को लेकर एक परंपरा लंबे समय से चली आ रही है. यह परंपरा व्यवहार में 68 सालों से है. वैसे तो दिवाली के दिन शेयर बाजार त्योहार के चलते बंद रहता है लेकिन इसे कुछ घंटों के लिए खुला रखा जाता है. सेंसेक्स और निफ्टी को विशेष रूप से एक घंटे के लिए खोला जाता है. चूंकि यह परंपरा का रूप ले चुका है इसलिए ऐसा सिर्फ एक घंटे के लिए ही किया जाता है. इसे ही आम जबान में मुहूर्त ट्रेडिंग कहते हैं.


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Muhurat Trading Timing: दिवाली के दिन शाम के समय स्पेशल ट्रेडिंग विंडो खोली जाती है. शाम को एक ही टाइम पर मार्केट में स्लॉट में इक्विटी, कमोडिटी डेरिवेटिव्स, करेंसी डेरिवेटिव्स, इक्विटी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस, और सिक्योरिटीज लेंडिंग और बॉरोइंग सेगमेंट में कारोबार किया जाता है. इस दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग की बात की जाए तो स्टॉक एक्सचेंज BSE और NSE ने इसके लिए शुक्रवार 1 नवंबर का दिन चुना है. 1 नवंबर की शाम 6 बजे से शाम 7 बजे तक मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए मार्केट खुला रहेगा.


मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए टाइमिंग का ऐलान कर दिया गया है. एक सर्कुलर में इस बात की जानकारी दी गई कि मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए 1 नवंबर को प्री ओपनिंग सेशन शाम 5.45 बजे से शाम 6 बजे तक रहेगा. दिवाली के रोज ट्रेडिंग करने के पीछे एक आम मान्यता बन चुकी है कि मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान कारोबार करने से घर में समृद्धि आती है. मुहूर्त ट्रेडिंग के पीछे एक मान्यता पंचांग से संबंधित है.


दरअसल हिंदू पंचांग के अनुसार, मुहुर्त ट्रेडिंग को नए वर्ष 2081 के प्रारंभ के तौर पर माना जाता है. इसे बहुत ही शुभ माना जाता है. शेयर बाजार के जानकार बताते हैं कि इस दिन शेयर बाजार में कारोबार करने से समृद्धि आती है. एक मान्यता ये भी है कि अगर किसी को निवेश करने की शुरुआत करनी है तो मुहूर्त ट्रेडिंग सबसे बढ़िया समय है. त्योहार के चलते लोग शेयर खरीदने को फलदायी मानते हैं. मुहूर्त ट्रेडिंग के समय पर कारोबार करने से सालभर कामयाबी मिलती है.


आपको बता दें कि मुहूर्त ट्रेडिंग कोई आज से नहीं हो रही. इसकी शुरुआत 1957 में हुई थी. उस समय बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने दिवाली के रोज पहली बार बाजार खोला था. आगे चलकर साल 1992 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भी ऐसा करने लगा. इंटरनेट के आने से पहले कारोबारी मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए BSE में इकट्ठा हुआ करते थे.